अंबड औद्योगिक वसाहत में अवैध वृक्षों की कटाई (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nashik News: सिडको औद्योगिक वसाहत स्थित पुराने इटन ए-11 कंपनी के भूखंड पर लगभग 15 से 20 एकड़ जमीन का विभाजन कर हाल ही में 40 प्लॉट तैयार किए गए हैं। इन प्लॉट्स पर छोटे-बड़े उद्योग शुरू करने के लिए निर्माणकार्य प्रारंभ हुआ है और इसी कारण बड़े पैमाने पर हरियाली की कटाई हो रही है। पिछले एक महीने में करीब 40 से 50 विभिन्न प्रजातियों के वृक्षों की धड़ल्ले से कटाई की गई है। इस संबंध में एमआईडीसी वृक्ष प्राधिकरण की कोई अनुमति नहीं ली गई, जिससे पर्यावरण प्रेमियों ने तीव्र आक्रोश व्यक्त कर तात्कालिक कार्रवाई की मांग की है।
गरवारे चौफुली से एकस्लोपॉइंट की ओर जाते समय एचपी पेट्रोल पंप के सामने स्थित इस ए-11 भूखंड पर पूर्वी इटन कंपनी कार्यरत थी। कंपनी बंद होने के बाद पिछले कई वर्षों से यहाँ प्राकृतिक वनसंपदा विकसित हुई थी। सैकड़ों प्रजातियों के वृक्षों के कारण यहाँ छोटे-बड़े पक्षियों के साथ मोरों का भी निवास बन चुका था। लेकिन औद्योगिकीकरण के नाम पर इस हरियाली का सफाया किया जा रहा है।
पर्यावरण कार्यकर्ताओं के अनुसार, दिन-दहाड़े ट्रैक्टर व ट्रकों के माध्यम से पेड़ों की कटाई कर लकड़ी बाहर ले जाई जा रही है। यह सब अवैध रूप से और बिना अनुमति के हो रहा है। इसलिए एमआईडीसी वृक्ष प्राधिकरण विभाग ने तुरंत ध्यान देना चाहिए, ऐसी मांग उठ रही है। “ऑक्सीजन फैक्ट्री” कहे जाने वाले इस मिनी जंगल के नष्ट होने पर क्षेत्र का पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ जाएगा, ऐसी चेतावनी कार्यकर्ताओं ने दी है। मार्शल ग्रुप अध्यक्ष प्रशांत खरात, पर्यावरण प्रेमी अक्षय परदेशी और हर्षल चव्हाण ने संयुक्त रूप से आवाज उठाई है। “यदि बिना अनुमति चल रही वृक्षों की कटाई तुरंत बंद नहीं की गई, तो हम आंदोलन करेंगे,” ऐसा इशारा उन्होंने दिया है।
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मार्शल संगठन अध्यक्ष प्रशांत खरात ने कहा कि पुरानी इटन कंपनी बंद होने के बाद नए प्रकल्प आना आवश्यक है। लेकिन सैकड़ों पेड़ों की कटाई अवैध रूप से हो रही है। प्रशासन ने इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए, अन्यथा आंदोलन किया जाएगा।