हिंगोली विधानसभा सीट (डिजाइन फोटो)
Hingoli Assembly constituency: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तारीखें जैसे-जैसे नजदीक आने लगी हैं वैसे ही राजनीतिक पार्टियां बड़े ही सक्रिय रूप से तैयारियों में जुट गई है। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को 288 सीटों पर एक चरण में मतदान होगा। इसमें जहां पर सभी पार्टियों की नजर हर निर्वाचन क्षेत्रों पर कब्जा करने की है। आज के चुनावी विश्लेषण में हम हिंगोली विधानसभा सीट की बात कर रहे है। इस सीट पर फिलहाल भाजपा वाली शिवसेना का दबदबा बना हुआ है। लेकिन लोकसभा चुनाव में इस सीट पर अलग ही नजारा देखने के लिए मिला। यानि इस सीट पर उद्धव ठाकरे की यूबीटी की पकड़ देखने के लिए मिली थी। चलिए अच्छी तरह जानते हैं चुनावी समीकरण।
यहां पर हिंगोली विधानसभा सीट की बात की जाए तो, हिंगोली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र – 94 महाराष्ट्र राज्य विधान सभा के 288 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है । यहां पर लोकसभा और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन आदेश, 2008 के तहत बनाए गए निर्वाचन क्षेत्रों की संरचना के अनुसार, हिंगोली निर्वाचन क्षेत्र में हिंगोली जिले में 1 है । सेनगांव तालुका और 2. हिंगोली तालुका में माल्हीवारा, नरसी, हिंगोली राजस्व प्रभाग और हिंगोली नगर पालिका शामिल हैं। हिंगोली विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हिंगोली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के तानाजी सखारामजी मुटकुले हिंगोली विधानसभा क्षेत्र के मौजूदा विधायक हैं।
जानें कब रहा विधायक
वर्ष विधायक पार्टी
2019 तानाजी सखारामजी मुटकुले भारतीय जनता पार्टी
2014 तानाजी सखारामजी मुटकुले भारतीय जनता पार्टी
2009 भाऊराव बाबूराव पाटिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2019- तानाजी सखारामजी मुटकुले भारतीय जनता पार्टी
2024 के विधानसभा चुनाव से पहले 2019 में विधानसभा चुनाव आयोजित किए गए थे उस दौरान चुनावी रण जीतने वाले उम्मीदवारप भाजपा से तानाजी सखारामजी मुटकुले थे जिन्होंने 94,420 वोटों से जीत दर्ज की थी। इससे पहले विधायक मटकुले 2014 का भी चुनाव जीत चुके थे। यहां पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से भाऊराव बाबूराव पाटिल ने 70,646 वोटों से दूसरे स्थान प्राप्त किया था लेकिन वे चुनाव हार गए थे। वंचित आघाड़ी दल के नेता वसिम देशमुख को 19,718 मिले थे जो भी जीत नहीं पाए।
यहां पर विधानसभा चुनाव से अलग हिंगोली लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो, मतदाताओं ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नागेश बापूराव पाटिल असितकर को विजयी बनाकर संसद में पहुंचाया था यानि यहां पर भाजपा अपना जोर दिखाने में नाकाम रही उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने जीत रची थी।
जानकारी मिली थी कि, पहली बार 1977 में अपना सांसद चुनने के लिए मतदान किया। इस संसदीय क्षेत्र में हदगांव विधानसभा क्षेत्र समेत 6 विधानसभा सीटों को समाहित किया गया है। हिंगोली निर्वाचन क्षेत्र के खासियत की बात की जाए तो, जिला मुख्यालय होने के चलते यहां पर सरकारी विभाग के सभी बड़े दफ्तर हैं। यहां का औंढा नागनाथ में स्थित ज्योतिर्लिंग धार्मिक दृष्टि से लोगों में बेहद प्रचलित है। प्राचीन मल्लिनाथ दिगंबर जैन मंदिर यहां का प्रमुख धार्मिक स्थल है।
इन चुनावी समीकरणों के आधार पर जान सकते हैं कि, कैसे विधानसभा चुनाव में लोकसभा के चुनाव का असर पड़ता हैं यहां पर हर पार्टी अपना जोर दिखा रही है।