
तालाब (सौजन्य-नवभारत)
Well Digging Assistance: केंद्र सरकार ने ‘मनरेगा’ के तहत राज्य में कुएं, खेत तालाब और भूमि विकास आदि व्यक्तिगत कार्यों के लिए 2 लाख रुपये की आर्थिक सीमा निर्धारित की थी। लेकिन अब इसे बढ़ाकर सीधे 5 लाख रुपये तक कर दिया गया है। इससे लाखों किसानों को बड़ी राहत मिली है। मनरेगा के तहत कुओं के लिए मिल रहे इस अनुदान से जिले में पिछले कुछ वर्षों में हजारों कुओं के कार्य पूरे हो चुके हैं।
इस योजना के तहत (मग्रारोगायो) सिंचाई कुएं के लिए अब 5 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा। आवेदक के पास कम से कम एक एकड़ खेती हो, पीने के कुएं से 500 मीटर की दूरी अनिवार्य है, दो कुओं के बीच 250 मीटर की दूरी हो, (पिछड़े वर्ग बीपीएल के लिए यह शर्त लागू नहीं है), सातबारा पर पहले का कुएं का रिकॉर्ड न हो, आवेदक मनरेगा जॉब कार्डधारक हो, ऐसी शर्तें हैं।
ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार, क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार, आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा योजना चलाई जा रही है। इस योजना के कारण मजदूरों को एक वर्ष में 100 दिन का न्यूनतम रोजगार मिलता है।
इसके अलावा, इस पर कुछ मानदंड भी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के मजदूरों को रोजगार, दिनों के पैसे राज्य सरकार देती है। रोजगार मिलने से आय बढ़ती है और जीवन स्तर सुधारने में मदद मिलती है। इसके अलावा, गांवों में सड़कें, जलसंरक्षण, पौधारोपण, सिंचाई के कुएं, खेत तालाब, पशुओं का बाड़ा जैसी उपयोगी कार्य किए जा रहे हैं।
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कृषि को अधिक उत्पादक बनाने और सिंचाई सुविधाओं को मजबूत करने के लिए, योजना के माध्यम से किसानों को कुएं खुदाई के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। किसानों द्वारा ग्रापं में आवेदन प्रस्तुत करने के बाद पात्र लाभार्थियों का चयन किया जाता है। कुएं की खुदाई पूर्ण होने के चरणानुसार अनुदान की राशि सीधे किसानों के बैंक खाते में जमा की जाती है, ऐसी जानकारी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना विभाग द्वारा दी गई है।






