काॅन्सेप्ट फोटो (फोटो नवभारत)
Gondia Rain Report: गोंदिया में इस साल जून में रुकी हुई बारिश ने जुलाई में जोरदार वापसी की। जुलाई में औसत की 144 प्रतिशत और अगस्त में केवल 59.6 प्रतिशत बारिश हुई। जिला प्रशासन द्वारा दर्ज आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में 40.4 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
गोंदिया जिले को धान का कटोरा कहा जाता है। यहाँ की अधिकांश खेती वर्षा जल पर आधारित है। सामान्यतः जून से सितंबर तक अच्छी वर्षा होने पर खेतों में धान की भरपूर फसल होती है लेकिन जब कम बारिश होती है, तो यह किसानों और आम नागरिकों दोनों के लिए बड़ी समस्या बन जाती है।
कम वर्षा के कारण सबसे अधिक असर कृषि क्षेत्र पर पड़ता है। धान की बुआई समय पर नहीं हो पाती और पहले से बोए गए खेत सूखने लगते हैं। तालाब और नहरों में पानी की कमी होने से सिंचाई प्रभावित होती है। कुएँ, हैंडपंप और बोरवेल का जलस्तर नीचे चला जाता है। पीने के पानी की किल्लत हो जाती है।
गोंदिया जिले में जून से सितंबर के बीच औसतन 1,220 मिमी बारिश होती है। हालांकि मौसम विभाग ने इस साल औसत से ज्यादा बारिश होने का अनुमान लगाया था, लेकिन इस साल मानसून की शुरुआत निराशाजनक रही। जून में औसत की केवल 58 प्रतिशत बारिश हुई। जून महीने में हुई कमी की भरपाई जुलाई में हुई।
जुलाई में औसत की 144.3 प्रतिशत बारिश हुई। जून और जुलाई दोनों महीनों में 711 मिमी याने 117 प्रतिशत बारिश हुई। जुलाई की शुरुआत और मध्य में जिले में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। हालांकि, इसके बाद स्थिति सामान्य हो गई और बारिश ने भी विराम ले लिया।
अगस्त में 6 और 7 तारीख को सभी जगह मुसलाधार बारिश हुई। इस बारिश से फसलों को भी जीवनदान मिला। उसके बाद रुक-रुक कर बारिश होती रही। लेकिन, अगस्त के अंतराल के बाद बारिश रुक गई। इसके बाद पिछले सप्ताह कई इलाकों में भारी बारिश हुई।
हालांकि, इस महीने संतोषजनक बारिश नहीं हुई। अगस्त में जहां 413.9 मिमी बारिश की उम्मीद थी, वहीं केवल 246.7 मिमी ही हुई। यह 59.6 प्रतिशत है, जो कि 40.4 प्रतिशत कम बारिश है।
गोंदिया जिले के 44 राजस्व मंडलों में से 7 राजस्व मंडलों में 50 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई। इनमें से गंगाझरी में 48 प्रतिशत, कट्टीपार में 41.6 प्रतिशत, तिगांव में 39.4 प्रतिशत, ठाणा में 38.2 प्रतिशत, तिरोड़ा में 45.6 प्रतिशत, वडेगांव में 47.3 प्रतिशत और शेंडा मंडल में 49.8 मिमी बारिश हुई।
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जून, जुलाई और अगस्त इन तीन महीनों में जहां 1,021.6 मिमी बारिश का अनुमान था, वहीं 957.8 मिमी बारिश हुई। प्रतिशत के हिसाब से इन तीन महीनों में औसत बारिश का 93.8 प्रतिशत बारिश हुई है। पिछले साल इसी अवधि में 97.8 प्रतिशत बारिश हुई थी।
नागपुर संभाग में औसत बारिश 893.2 मिमी यानी 99.6 प्रतिशत रही है। गोंदिया में कम बारिश केवल कृषि को ही नहीं, बल्कि पूरे जीवन चक्र को प्रभावित करती है। इसका सीधा असर अन्न, जल और पर्यावरण पर पड़ता है।