
जिला स्वास्थ्य अधिकारी को ज्ञापन सौंपते खेड़ेपार के सरपंच (फोटो नवभारत)
 
    
 
    
Gondia Khedapar Health Center Closed: गोंदिया जिले की सालेकसा तहसील अंतर्गत खेड़ेपार ग्राम स्थित स्वास्थ्यवर्धिनी उपकेंद्र पिछले एक महीने से लगभग बंद पड़ा है। यहां कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) डॉ. शुभम पारधी 1 अक्टूबर से लगातार अनुपस्थित हैं। उनके गैरहाजिर रहने से उपकेंद्र की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गई हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि डॉ. पारधी पिछले तीन वर्षों से इसी उपकेंद्र में कार्यरत हैं। लेकिन उनके लंबे समय से अनुपस्थित रहने से खेड़ेपार उपकेंद्र व इसके अंतर्गत आने वाले पांढरी, पाऊलदौना, रुमनटोला, गोबरीटोला, कुंभारटोला, पचाऊटोला, तिनटोली, चिंगलुटोला, गोंडटोला व बालाजीटोला जैसे गांवों के नागरिकों को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि छोटे-छोटे रोगों से लेकर गर्भवती महिलाओं की जांच व आपातकालीन स्थिति में भी अब उन्हें 12 से 15 कि।मी। दूर सालेकसा ग्रामीण अस्पताल या कावराबांध अस्पताल तक जाना पड़ रहा है। यह दूरी विशेष रुप से बुजुर्गों, महिलाओं व बच्चों के लिए बेहद कष्टदायक साबित हो रही है।
ग्रामीणों के अनुसार, खेडेपार उपकेंद्र पर न तो डॉक्टर हैं, न ही आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता है। कई मरीजों को समय पर इलाज न मिलने से उनकी तबीयत बिगड़ रही है। कुछ लोगों को तो निजी क्लीनिकों में महंगे इलाज का सहारा लेना पड़ रहा है।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए खेड़ेपार के सरपंच महेश लिल्हारे ने अगले सात दिनों में अनुपस्थित डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई न करने तथा उपकेंद्र की सेवाएं शुरू न होने पर ग्रापं की ओर से सालेकसा पंचायत समिति के सामने आंदोलन की चेतावनी दी है।
सरपंच लिल्हारे ने इस संबंध में जिप के शिक्षा व स्वास्थ्य सभापति सुरेश हर्षे, जिला परिषद सदस्य छाया नागपुरे, जिला परिषद सीईओ, जिला स्वास्थ्य अधिकारी तथा तहसील स्वास्थ्य अधिकारी, पंचायत समिति को ज्ञापन भी सौंपा है।
ग्रामीणों ने बताया कि जब से डॉक्टर अनुपस्थित हैं, तब से उपकेंद्र की इमारत बंद पड़ी रहती है और वहां कोई स्वास्थ्य कर्मी तैनात नहीं किया गया है। कई बार मरीज सुबह से शाम तक इलाज के इंतजार में लौट जाते हैं।
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सरपंच महेश लिल्हारे ने प्रशासन से डॉ. शुभम पारधी के खिलाफ तत्काल विभागीय कार्रवाई कर उन्हें हटाने और खेड़ेपार उपकेंद्र में स्थायी डॉक्टर की नियुक्ति कर ग्रामीणों को नियमित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है।
इस समस्या से ग्रामीणों में भारी नाराजगी है और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग व जिप इस मुद्दे पर शीघ्र कार्रवाई करता है या फिर यह मामला भी अन्य सरकारी विभागों की तरह फाइलों में ही दबकर रह जाएगा।






