गोंदिया शहर में पुरानी सड़कों की हालत बदहाल (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gondia Road: गोंदिया शहर के कई क्षेत्रों में देखा जा रहा है कि लगभग डेढ़ से दो वर्ष पूर्व बनाई गई सीमेंट की सड़कें अब उखड़ने लगी हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि कुछ क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण घटिया गुणवत्ता का किया गया है। कई स्थानों पर डामर की सड़कों की हालत भी बेहद खराब हो गई है, जिससे नागरिकों को असुविधा हो रही है।
उल्लेखनीय है कि कुछ सड़कों का निर्माण नगर परिषद (नप) के अंतर्गत किया गया है, जबकि कुछ क्षेत्रों में सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा निर्माण कार्य कराया गया है। शहर में बड़ी संख्या में सड़कों का सीमेंटीकरण किया गया है और कई स्थानों पर सड़कों का नवीनीकरण भी हुआ है। इसके अलावा अनेक क्षेत्रों में छोटे-छोटे सब-वे का निर्माण कार्य भी शुरू है। बावजूद इसके, कई गलियां और आंतरिक सड़कें ठीक तरीके से नहीं बनाई गईं।
शहर के अनेक वार्डों में सड़कों की गुणवत्ता बेहद खराब है। कई सीमेंट की सड़कें पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं। इन सड़कों पर वाहन चलाते समय ऐसा महसूस होता है जैसे स्पीड ब्रेकर या असमान कांक्रीट पर वाहन चलाया जा रहा हो। गणेश नगर, श्रीनगर, रामनगर और अन्य प्रभागों में सीमेंट और डामर की सड़कें धीरे-धीरे उखड़ रही हैं, लेकिन संबंधित अधिकारियों का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है।
सड़क चाहे सीमेंट की हो या डामर की निर्माण के समय ठेकेदार द्वारा एक निश्चित अवधि की गारंटी दी जाती है कि सड़क उस अवधि तक टिकेगी। परंतु वास्तविकता यह है कि सड़कों की हालत कुछ ही महीनों में खराब हो जाती है। इसलिए नगर परिषद और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। जो ठेकेदार गुणवत्ता के मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई आवश्यक है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
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शहर के अनेक क्षेत्रों में सीमेंट सड़कों के निर्माण के समय संबंधित कार्य का अनुमान (एस्टिमेट) अधिक दर्शाया जाता है, लेकिन सड़कों की गुणवत्ता उसके अनुरूप नहीं होती। निर्माण कार्य के आरंभ में जांच सैंपल अधिकारियों को स्वयं जाकर लेने चाहिए, परंतु यह काम कई स्थानों पर ठेकेदार ही करते हैं। इसी कारण अनेक क्षेत्रों की सड़कें कुछ ही समय में उखड़ने लगती हैं। सड़कों के निर्माण में हो रही इन अनियमितताओं की तकनीकी जांच संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में गुणवत्तापूर्ण सड़कें बन सकें और जनता को राहत मिले।