अहेरी. स्थानीय उपविभागीय कार्यालय व तहसील कार्यालय के कर्मचारियों का कामबंद आंदोलन शुरू है. इस आंदोलन के कारण कार्यालयीन कार्य ठप्प हुए हे. दुर्गम क्षेत्र के किसान, नागरिकों को मानसीक, वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड रहा है. वहीं शालेय छात्रों को शैक्षणिक कार्य हेतु प्रमाणपत्र नहीं मिलने से दिक्कते हो रही है.
अव्वल कारकून संवर्ग से नायब तहसीलदार संवर्ग में पदोन्नती बिते 2 वर्षो से प्रलंबित है. वहीं राजस्व सहाय्यक के पद बडी मात्रा में रिक्त है. जिससे उनके कार्य का अतिरीक्त बोझ नायाब तहसीलदार व श्रेणी 3 के कर्मीयों पर आ रहा है. विभिन्न मांगों को लेकर राजस्व कर्मीयों ने सोमवार से कामबंद आंदोलन शुरू किया है. जिससे कार्यालयीन कामकाज ठप्प है.
इस आंदोलन के कारण अतिदुर्गम क्षेत्र के येरमनार, मांड्रा, मरपल्ली, उम्मानुर, देचीलपेठा, दामरंचा, कमलापुर, पेरमिली, राजाराम, कमलापुर, आवलमरी, देवलमरी, गुड्डीगुडम, कोरेली, चंद्रा, संड्रा, वेंकटापुर आदि गांवों के विद्यार्थी, नागरिकों को वित्तीय, मानसीक तथा शारिरीक समस्याओं का सामना करना पड रहा है. उक्त आंदोलन में तहसील कार्यालय के अव्वल कारकून एस. ए. येंबडवार, बी. पी. जल्लेवार, एम. एम. जांगी, दशरथ आत्राम, पोचन्ना दुर्गम, भानारकर आदि समेत राजस्व कर्मी सहभागी हुए है.
उपविभागीय कार्यालय से जाती के प्रमाणपत्र, नॉन क्रिमिलियर, जमीन संबंधित मामले, वनहक्क/वनपट्टे आदि कार्य तथा तहसील कार्यालय से अधिवास प्रमाणपत्र, संजय गांधी निराधार योजना, श्रवण बाल निराधार योजना, इंदिरा गांधी निराधार योजना, परिवार वित्तीय सहाय्य योजना, उत्पन्न के प्रमाणपत्र आदि कार्य नहीं होने से नागरिक त्रस्त हुए है. वहीं छात्रों को शैक्षणिक कामकाज के विभिन्न प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं होने से उन्हे भी परेशानी का सामना करना पड रहा है.
जनकल्याण भ्रष्टाचार समाजोन्नती अन्याय, भ्रष्टाचार निवारण समिति के जिलाध्यक्ष संतोष ताटीकोंडावार ने आज कर्मचारियों के आंदोलनस्थल को भेट देकर आंदोलन को समर्थन दिया है. कर्मचारियों के हडताल के कारण जिले के नागरिकों के साथ छात्रों को दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. सरकारी कामकाज भी प्रभावित हुआ है. जिससे सरकार कर्मीयों की समस्या हल कर नागरिक, छात्रों को हो रही परेशानी रोकने की मांग सामाजिक कार्यकर्ते संतोष ताटीकोंडावार ने की है.