भारी बारिश के कारण धान की फसल चौपट (फोटो नवभारत)
Gadchiroli News In Hindi: मराठवाड़ा में हाहाकार मचाने वाली लौटती बारिश पूर्व विदर्भ के गड़चिरोली जिले में भी कहर बरपा रही है। लौटती मूसलाधार बारिश के कारण खेतों में उपज लगी फसलें जमीन पर धाराशायी हुई है। जिससे किसानों का व्यापक नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं तो खेतों में धराशायी हुई फसलें अंकुरित होने से किसान निराश नजरों से सरकार के मदद की ओर देख रहा है।
जून से सितंबर यह बारिश का मौसम माना जाता है। इस वर्ष शुरूआत से ही समाधानकारक बारिश होने से धान फसलें खेतों में लहलहाती नजर आ रही थी। जिले में हल्की, मध्यम व भारी प्रजाती के धान फसलों की रोपाई की जाती है।
फिलहाल हल्के व मध्यम प्रजाति की धान फसलों पर उपज आयी है। दशहरे के बाद फसलों की कटाई का नियोजन किसान कर रहे थे। ऐसे में लौटती मूसलाधार बारिश से किसानों पर कहर ढाया।
गड़चिरोली जिले के अनेक किसानों की धान फसलें जमीन पर ही धराशायी हुई। बीच, बीच में बारिश का दौर जारी होने से खेतों में गिरी धान फसलों पर लगी उपज ही अंकुरित होने से किसान निराश हुआ है।
प्रतिवर्ष कभी गीला तो कभी सूखे अकाल का सामना किसानों को करना पड़ता है। ऐसे में अंतिम चरण में फसलें बर्बाद होने से किसानों पर आसमान टूटा है। हाथ में आयी फसलें बर्बाद होने से किसान मायूस हुआ है।
एक ओर लौटती बारिश के कारण हल्की व मध्यम प्रजाति के धान फसलों का व्यापक नुकसान हुआ है। वहीं यह बारिश भारी प्रजाति के धान फसलों के लिए लाभकारी साबित हो रहा है।
अंतिम चरण में बारिश न होने पर भारी प्रजाति के धान फसलों का उत्पादन लेने वाले किसानों को फसलों को पानी देने के लिए व्यापक मशक्कत करनी पडती थी। एक ओर नुकसान तो दूसरी ओर संजीवनी साबित होने वाली यह बारिश किसानों के लिए ‘कही खुशी, कही गम’ का वातावरण निर्माण करता नजर आ रहा है।
लौटती बारिश से मराठवाड़ा में हुए नुकसान के लिए सरकार ने सीधे मदद की घोषणा की। उसी तर्ज पर जिले के किसानों को मदद दें, ऐसी मांग नुकसानग्रस्त किसानों द्वारा की जा रही है। लौटती बारिश फिर से ऐसे ही बरसती रही तो बड़े पैमाने पर धान फसलों का नुकसान होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
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कुरखेडा तहसील में भी धान फसलों को लौटती बारिश का व्यापक फटका लगा है। उपज लगी धान फसल तूफानी हवाओं के साथ आयी बारिश से जमीन पर धराशायी हुई हुई है। सरकार द्वारा पंचनामे शुरू है, लेकिन अब तक पूर्ण नहीं हुए हैं। जिससे अनेक किसानों को पंचनामों की प्रतीक्षा है।
किसान जयदेव कोल्हे ने बताया कि 5 एकड़ खेत में हल्के प्रजाति के धान फसलों की रोपाई की। फिलहाल फसलों पर उपज आयी है। दशहरे के बाद धान की कटाई करने का नियोजन किया था। ऐसे में लौटती बारिश से संपूर्ण फसलें जमीन पर लेट गई है। खेतों में पानी जमा होने से धान उपज खेतों में ही अंकुरित हो रही हैं, लेकिन अब तक राजस्व विभाग द्वारा पंचनामे नहीं किए गए है। जिससे सरकार किसानों की ओर ध्यान देकर तत्काल मदद दें।
कुरखेड़ा नायब तहसीलदार राजकुमार धनबाते ने कहा कि लौटती बारिश के चलते हुए नुकसान का सर्वेक्षण शुरू है। शीघ्र ही सर्वेक्षण पूर्ण कर रिपोर्ट वरिष्ठ स्तर पर भेजा जाएगा। इसके पश्चात किसानों को मदद मिलेगी।