धान फसलों पर कीटों का प्रकोप (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Chamorshi tehsil: किसानों ने व्यापक उम्मीद के साथ धान फसलों की रोपाई की है। अब धान फसलें अंतिम चरण में है। ऐसे में फसलों पर विभिन्न कीटों का प्रकोप नजर आ रहा है। जिससे किसान त्रस्त है। फसलों को बचाने के लिए किसान जद्दोजहद करते नजर आ रहे है।
चामोर्शी तहसील के किसान खरीफ सीजन में धान फसलों की रोपाई की है। फसलें अब गर्भावस्था में है। ऐसे में फसलों पर बेरड, करपा आदि कीटों का प्रकोप दिखाई दे रहा है। फसलों को बचाने के लिए किसानों की मशक्कत शुरू है। किसान भारी, मध्यम व हल्के प्रजाति के धान फसलों की सिंचाई सुविधा के आधार पर रोपाई करते है।
सिंचाई सुविधा होने वाले किसान भारी प्रजाति के तो बारिश के पानी पर निर्भर किसान खासकर हल्के धान की रोपाई करते है। हल्की धान फसलें अंकुरित हो रही है। वहीं भारी धान फसलें गर्भावस्था में है। किसान खेत के निंदण कार्य निपटाकर फसलों को रासायनिक खाद की मात्रा दे रहे है। ऐसे में फसलों पर कीटों का प्रकोप नजर आ रहा है। जिससे फसलों का नुकसान होने की संभावना है। जिसके मद्देनजर फसलों को बचाने के लिए किसान विभिन्न कीटनाशक का छिड़काव करते नजर आ रहे है।
फसलें हाथ में आने तक किसानों को अनेक अस्मानी सुलतानी संकटों का सामना करना पड़ता है। दिन ब दिन रोपाई खर्च में व्यापक वृद्धि हो रही है। किसान प्रतिवर्ष सेवा सहकारी सोसायटी के मार्फत बैंक द्वारा फसल कर्ज लेते है। उपज हाथ में आने के बाद वह बेचकर कर्ज की वापसी करते है। जिससे किसानों को व्यापक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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प्रशासन ने पंचनामा करके प्रभावित किसानों को राहत तो दे दी है, लेकिन उन्हें अभी तक उनके नुकसान का मुआवज़ा नहीं मिला है। फिर भी, बलिराजा ने इस बड़े संकट से जूझते हुए, मिट्टी तैयार करके, खरीपा बोकर, फिर से खरीपा की बुवाई की तैयारी की। भारी बारिश में, उनमें से कुछ के पौधे बह गए और जो बच गए, उन्होंने उन्हें रोप दिया।
हालांकि बारिश चावल की फसलों के लिए संतोषजनक रही है, लेकिन कुछ धान की फसलों की कटाई भी फिलहाल संतोषजनक है। इसकी कटाई अगले आठ से दस दिनों में होनी है। हालाँकि, चूँकि वरुणराजा को छुट्टी नहीं मिल रही है और लगातार बारिश हो रही है, इसलिए खेतों में जो धान काटा गया है या बलिराजा के हाथों में जो घास है, वह छिनने की कगार पर है।