लोगों को उपजिला अस्पताल की प्रतीक्षा (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Gadchiroli News: गड़चिरोली जिले के आखिरी छोर पर बसे तथा तहसील मुख्यालय सिरोंचा शहर में तहसील के मरीजों को स्वास्थ्य सेवा देने के लिए ग्रामीण अस्पताल का निर्माण किया गया था। उक्त ग्रामीण अस्पताल में सेवा-सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही अस्पताल को उपजिला अस्पताल का दर्जा देने की मांग पिछले अनेक वर्षों से सिरोंचा तहसील के नागरिकों द्वारा की जा रही है। लेकिन सरकार और प्रशासन की उदासीनता के चलते उक्त मांग पिछले अनेक वर्षों से धूल खाती पड़ी है।
सिरोंचा तहसील के मरीजों को सिरोंचा तहसील मुख्यालय स्थित ग्रामीण अस्पताल से स्वास्थ्य सेवा दी जा रही है। इस तहसील के दुर्गम क्षेत्र में स्वास्थ्य विषयक समस्या कायम है। समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण अनेकों को अपनी जान गंवानी पड़ने की घटनाएं भी घटी है। ऐसे स्थिति में स्वास्थ्य विषयक समस्या हल करने की ओर सरकार की अनदेखी हो रही है। कुछ वर्ष पहले इस अस्पताल को सरकार द्वारा उपजिला अस्पताल का दर्जा देने को मान्यता दी थी।
लेकिन यह प्रक्रिया अधर में पड़ी है। तहसील के नागरिकों के दर्जेदार स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए तत्कालीन सरकार ने सिरोंचा तहसील मुख्यालय में ग्रामीण अस्पताल का निर्माण किया है। इससे पहले ग्रामीण अस्पताल का संपूर्ण कामकाज पुराने स्वास्थ्य केंद्र में शुरू था। उक्त इमारत ब्रिटीशकालीन व काफी पुरानी होने से मरीजों की सेवा के लिए उपयुक्त नहीं थी। जिससे पुरानी इमारत के सामने वर्ष 1994 में ग्रामीण अस्पताल की नई इमारत का निर्माण किया गया। वहीं इस अस्पताल में वैद्यकीय अधिकारी समेत सभी आवश्यक कर्मचारियों के पद भी भरे गये। लेकिन कुछ वर्षों में ही यहां पर वैद्यकीय सेवा को ग्रहण लग गया है।
वर्तमान में सिरोंचा के ग्रामीण अस्पताल में रिक्त पद का ग्रहण लगा हुआ है। स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव के साथ ही समय पर उपचार नहीं मिलने से तहसील के मरीजों को मानसिक व वित्तीय रूप से त्रस्त होना पड़ रहा है। सिरोंचा तहसील की सीमा पर बहने वाली नदियों पर पुलिया का निर्माण होने से अब तहसील के मरीज तेलंगाना और आंध्रप्रदेश के अस्पतालों में जाकर उपचार लेते दिखाई दे रहे है।
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50 बेड़ों की क्षमता वाले इस ग्रामीण अस्पताल में वर्तमान में विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव में, अनेक महत्वपूर्ण पद रिक्त होने के चलते मरीजों को उपचार के लिए तेलंगाना, आंध्रप्रदेश राज्य में रेफर करने का सिलसिला जारी है। जिससे मरीजों समेत गर्भवती माताओं को त्रासदी का सामना करना पड़ रहा है। उक्त ग्रामीण अस्पताल में रिक्त पद भरकर सेवा-सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही उपजिला अस्पताल का दर्जा देने की मांग तहसील के नागरिकों द्वारा की जा रही है।