गड़चिरोली में जलसंकट (सौजन्य-नवभारत)
Gadchiroli: गड़चिरोली शहर में अनियमित जलापूर्ति के चलते नागरिकों को व्यापक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में शहर के कुछ वार्डों में विगत 2 दिनों तक जलापूर्ति पूरी तरह ठप पड़ी थी। जिससे नागरिकों को गंभीर जलसंकट का सामना करना पड़ा। गड़चिरोली शहर समीप बहने वाली वैनगंगा नदी से शहर में जलापूर्ति की जाती है, यह नदी बारहमासी जल स्रोत है। लेकिन प्रतिवर्ष के भांति इस वर्ष भी ग्रीष्मकाल के दिनों में क्षेत्र के कुछ हिस्सों में अनियमित जलापूर्ति के चलते नागरिकों को पानी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है।
करीब 70 हजार की आबादी वाले इस शहर में अब भी पुरानी पाइपलाइन से जलापूर्ति हो रही है, जिससे पानी का रिसाव आम समस्या बन चुकी है। नागरिकों का कहना है कि नगर पालिका प्रशासन की ओर से इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। सार्वजनिक नलों पर नल की टोटियां नहीं होने से रोज़ाना हजारों लीटर पानी व्यर्थ बह रहा है। इससे पानी की बर्बादी तो होती ही है, साथ ही नलधारकों को भी पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है। कुछ इलाकों में दिन में 2 बार तो कहीं केवल 1 बार ही पानी दिया जा रहा है। जिन क्षेत्रों में केवल एक बार पानी आता है, वहां के नागरिकों ने दिन में 2 बार जलापूर्ति की मांग की है।
वहीं दूसरी ओर लोगों की पानी की जरूरत ध्यान में लेकर चामोर्शी तहसील के ग्राम पंचायत कलमगांव अंतर्गत आने वाले एकोडी गांव में ग्रामीण जलापूर्ति विभाग जिला परिषद मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम अंतर्गत जलापूर्ति योजना क्रियांन्वित की गई। लेकिन ग्राम पंचायत प्रशासन के अनदेखी के चलते धूपकाले में जलापूर्ति योजना बंद होने से ग्रामीणों को व्यापक जलसंकट का सामना करना पड़ रहा है।
करीब 10 वर्ष पूर्व एकोडी गांव में जिला परिषद स्कूल के पास जलकुंभ निर्माण किया गया। इस दौरान कुछ समय जलापूर्ति योजना बंद थी। बीते वर्ष गांव में नल कनेक्शन देकर जलापूर्ति योजना शुरू की गई। जिससे ग्रामीणों की आस जग गई। लेकिन ग्राम पंचायत प्रशासन के अनेदखी के चलते जलापूर्ति योजना बंद हुई है। जिससे ग्राम पंचायत प्रशासन के प्रति ग्रामीणों में रोष व्यक्त किया जा रहा है।
गांव के जनता को आवश्यक शुद्ध पानी उपलब्ध हो, इस उद्देश्य से सरकार द्वारा अनेक योजना चलाकर गांव को जलसंकट से दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन नियोजन के अभाव में जलापूर्ति योजना केवल शोपीस बन रहे है। गांव से कुछ दूरी पर ही वैनगंगा नदी बहती है। वहीं गांव में ही सरपंच भी रहते है। लेकिन नल योजना क्रियान्वित करने में आगे नहीं आने से आश्चर्य व्यक्त हो रहा है।
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गांव में 35 हजार लीटर का जलकुंभ निर्माण किया गया है। लेकिन इसका यहां के ग्रामीणों को उपयोग नहीं हो रहा है। जिससे नागरिक पानी के लिए हैंडपंप व कुएं पर भागदौड़ करते नजर आ रहे है। धूपकाले के दिनों में पानी के लिए ग्रामीणों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। बंद जलापूर्ति योजना शीघ्र शुरू करें, ऐसी मांग ग्रामीणों द्वारा की जा रही है।