बारिश से फसल हो रही खराब (फोटो नवभारत)
Gadchiroli News In Hindi: मौसम विभाग द्वारा दी गई चेतावनी अनुसार पिछले 2-3 तीनों से शुरू बारिश ने गड़चिरोली जिले में कहर मचाया है। इस बारिश से सर्वाधिक नुकसान सोयाबीन और कपास फसल होकर भारी प्रजाति के धान को संजीवनी मिलने की बात कही जा रही है। लेकिन आने वाले समय में धान फसल समेत सभी फसल हाथ में आना वरूण राजा पर निर्भर है। वर्तमान स्थिति में तो वापसी बारिश के चलते कहीं खुशी कहीं गम का चित्र पूरे जिले में दिखाई दे रहा है।
चामोर्शी तहसील धान उत्पादक तहसील के रूप में पहचानी जाती है। इस तहसील में करीब 40 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान फसल का उत्पादन लिया जाता है। पिछले कुछ वर्षों से किसान कपास उत्पादन की ओर बढ़कर तहसील में 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में कपास लगाया जाता है।
वहीं सोयाबीन 600 हेक्टेयर पर है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से निसर्ग की अकृपा से कभी धान फसल तो कभी सोयाबीन व कपास फसल का नुकसान होते दिखाई दे रहा है। इस वर्ष 5 जुलाई को बारिश का आगमन हुआ था। जिससे किसानों ने खेती कार्य की शुरुआत की। तब से कभी कम तो कभी अधिक बारिश से बारिश औसतन पार कर दिना जलाशय समेत सभी तहसील के छोटे-बड़े तालाब भर गये।
धान खेती समेत सोयाबीन, कपास, फसल भी लहलहाने लगी थी। लेकिन कुछ दिन पहले मौसम विभाग द्वारा दिये गये संकेत अनुसार वापसी की बारिश जिले में मूसलाधार हो रही है। इस बारिश के कारण हल्के और मध्यम प्रजाति के धान फसलों का भारी नुकसान हो रहा है।
वहीं खेतों में पानी जमा होने के कारण धान फसल सड़ने का खतरा निर्माण हो गया है। कपास फसल का भी नुकसान होने की संभा होकर सोयाबीन फसल की वृध्दि थमकर बीमारी का संक्रमण बढ़ गया है।
वापसी की बारिश के चलते धान फसल समेत कपास और सोयाबीन फसल का नुकसान होते दिखाई दे रहा है। मूसलाधार बारिश के चलते कपास फसल की वृध्दि थमकर बीमारी का संक्रमण होने का खतरा मंडरा रहा है।
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वहीं सोयाबीन फसल उत्पादन लेने की स्थिति में थे कि बारिश का कहर शुरू हो गया है। जिससे खेत में सोयाबीन के दाने अंकुरती का खतरा निर्माण हो गया है। जिससे सोयाबीन समेत कपास फसल हाथ में आएगा या नहीं? ऐसी चिंता किसानों को सता रही है।
मौसम विभाग की चेतावनी के बाद जिले में निरंतर बारिश हो रही है। गड़चिरोली जिले समेत चामोर्शी तहसील में दमदार बारिश हो रही है। इसका सर्वाधिक नुकसान हल्के और मध्यम प्रजाति के धान फसल का हो रहा है। उक्त धान फसल कटाई लायक हो गये है, ऐसे में बारिश के चलते फसल खेतों में ही झुक गये है। जिससे संबंधित किसानों का भारी नुकसान हुआ है। वहीं भारी प्रजाति के धान के लिए यह बारिश संजीवनी बनी है।
किसान दिलीप घोगरे ने बताया कि इस वर्ष जुलाई माह से निरंतर हो रही बारिश से सोयाबीन फसल की वृध्दि थम गयी है। जिससे फसल हाथ से जाने का भय सता रहा है। जिसका खामियाजा किसानों का भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। सरकार तत्काल पंचनामा कर मुआवजा दें।