मुठभेड़ के बाद बरामद नक्सली सामग्री के साथ सुरक्षाबलों के जवान (फोटो नवभारत)
Gadchiroli Naxal Encounter News: महाराष्ट्र के गड़चिरोली और छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले की सीमा पर स्थित कोपर्शी जंगल परिसर में नक्सलियों की मौजूदगी की गोपनीय जानकारी मिलते ही जिला पुलिस बल ने नक्सल विरोधी अभियान शुरू किया। बुधवार सुबह पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ छिड़ गई। पुलिस जवानों ने जवाबी कार्रवाई में 4 नक्सलियों को मार गिराया, जिनमें 3 महिला और 1 पुरुष नक्सली शामिल हैं। घटनास्थल से भारी मात्रा में नक्सली सामग्री भी बरामद की गई है।
इस सफलता को नक्सल आंदोलन के लिए बड़ा झटका और पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। यह कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल के मार्गदर्शन तथा अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान) एम रमेश के नेतृत्व में की गई। विशेष रूप से बुधवार शाम 5 बजे तक मुठभेड़ जारी रहने की जानकारी पुलिस विभाग ने दी है।
भामरागड़ तहसील अंतर्गत कोपर्शी जंगल परिसर में नक्सलियों के गट्टा दलम और कंपनी क्रमांक 10 समेत अन्य नक्सली घात लगाकर छिपे होने की गोपनीय जानकारी जिला पुलिस को मिली थी। इस आधार पर सोमवार से अपर पुलिस अधीक्षक एम रमेश के नेतृत्व में सी-60 के 19 पथक और सीआरपीएफ व क्यूएटी के 2 पथक अभियान पर रवाना हुए।
पिछले कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ सीमा क्षेत्र समेत आसपास के इलाकों में मूसलाधार बारिश हो रही थी, बावजूद इसके पुलिस जवानों ने लगातार दो दिनों तक अभियान जारी रखा और बुधवार सुबह कोपर्शी जंगल परिसर में पहुँचे। यहीं पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें पुलिस जवानों ने चार नक्सलियों को मार गिराया। घटनास्थल से जवानों ने एक एसएलआर, दो इंसास राइफल और एक थ्री-नॉट-थ्री राइफल जब्त की है।
लगातार दो दिनों तक मूसलाधार बारिश में नक्सल विरोधी अभियान चलाने के बाद बुधवार सुबह कोपर्शी जंगल परिसर में घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने पुलिस जवानों पर गोलीबारी शुरू कर दी।
नक्सलियों की गोलीबारी का जवानों ने डटकर सामना किया और जवाबी फायरिंग शुरू की। दोनों ओर से गोलियों की बौछार दिनभर जारी रही। इस मुठभेड़ में पुलिस ने तीन महिला नक्सली समेत एक पुरुष नक्सली को मार गिराया। विशेष रूप से यह मुठभेड़ सुबह से लेकर शाम 5 बजे तक लगातार चलती रही। मारे गए नक्सलियों के नाम समाचार लिखे जाने तक स्पष्ट नहीं हो पाए थे।
यह भी पढ़ें:- सुबह उद्धव शाम को फडणवीस, राज ठाकरे के ‘शिवतीर्थ’ पर सियासी संगम; क्या BMC चुनाव के बदलेंगे समीकरण?
गड़चिरोली में पिछले 4 वर्षों से नक्सली गतिविधियां काफी हद तक सीमित हो गई हैं। लगातार हुई मुठभेड़ों में कई बड़े नक्सली नेता और सदस्य मारे जा चुके हैं, साथ ही नई भर्ती भी लगभग बंद हो गई है। वहीं, पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में भी नक्सल विरोधी अभियान तेज होने से नक्सलियों की घेराबंदी हो रही है। इन्हीं हालातों पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय समिति सदस्य भूपति और प्रभारी नेता केदारी रेड्डी उर्फ कोसा कोपर्शी के जंगल में पहुँचे थे। माना जा रहा है कि इस कार्रवाई से नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले चार-पांच वर्षो की अवधि में जिला पुलिस दल नक्सल आंदोलन पर हावी होते दिखाई दे रहा है। इस अवधि में विभिन्न जगहों पर हुई मुठभेड़ में अनेक वरिष्ठ नक्सली मारे जाने के कारण नक्सल आंदोलन के रीढ़ की हड्डी टूट गयी है। जिससे जिले में नक्सली गतिविधियां काफी हद तक कम हो गयी थी।