बस का इंतजार करते छात्र (फोटो नवभारत)
Gadchiroli Pusukapalli Village Bus Service Problem: गड़चिरोली जिले के अहेरी तहसील के आलापल्ली से महज 10 से 15 किमी दूरी पर मौसम व पुसुकपल्ली गांव स्थित है। आलापल्ली-सिरोंचा मार्ग पर दौड़ने वाली विभिन्न बस मौसम, पुसुकपल्ली से आवागमन करती है। लेकिन इस मार्ग से गुजरने वाली बसें विद्यार्थियों की ओर अनदेखी करने की स्थिति दिखाई दे रही है। विद्यार्थी बस स्टैंड पर खड़े रहते है। लेकिन चालक-परिचालक विद्यार्थियों के लिए बस नहीं रोकते है। अगर बस छूट गई तो बच्चों को स्कूल के बजाएं घर जाने की नौबत आती है। जिससे ‘बस छूटी तो स्कूल को भी छुट्टी’ ऐसी स्थिति यहां देखने को मिल रही है।
आलापल्ली-सिरोंचा मार्ग पर होने वाले अनेक गांव के विद्यार्थी आलापल्ली व अहेरी के स्कूल व महाविद्यालयों में शिक्षा लेते है। आलापल्ली, अहेरी में स्थित स्कूल व महाविद्यालय की यहां के विद्यार्थियों के शिक्षा का एकमात्र माध्यम है। सरकार ने शालेय विद्यार्थियों की शिक्षा हेतु मानव विकास मिशन के माध्यम से बस की व्यवस्था की है। इसमें छात्राओं को निशुल्क सफर की सुविधा है। लेकिन अहेरी डिपो मानव विकास मिशन के उद्देश्य व सेवा को दरकिनार करता नजर आ रहा है।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को दामरंचा से अहेरी कडे की ओर आने वाली बसफेरी सुबह 9.40 बजे के दौरान मौसम गांव से गुजरी। मानव विकास मिशन के माध्यम से चलाई जाने वाली यह बस थी। इस समय मानव विकास मिशन के योजना का लाभ लेने वाली छात्रा व अन्य विद्यार्थी इस दौरान बस स्टैंड पर खड़े थे। वहीं बस में अधिक भीड़ नहीं थी।
बस स्टैंड पर खड़े विद्यार्थी आराम से बस में चढ़ा करते थे। लेकिन बस के चालक तथा परिचालक ने अपने मनमानी का परिचय देते हुए विद्यार्थियों को बस में नहीं बैठाया। और बस को आगे बढ़ा दी। जिससे उन्हें छात्रों को दूसरी बस का इंतजार करना पड़ा। यह कार्य छात्रों को शिक्षा से वंचित रखने का होने की बात कहीं जा रही है। इस तरह का मामला यहां हमेशा होता है।
बस नहीं रुकने पर कभी विद्यार्थियों को 1 से 2 घंटे स्कूल पहुंचने में देरी होती है, कभी निराशावश विद्यार्थी घर लौट आते है। बस छुटी तो स्कूल को भी छुट्टी देने की नौबत विद्यार्थियों पर आ रही है। इस ओर ध्यान देने की मांग हो रही है।
इस दौरान गरुवार को मौसम गांव में राज्य परिवहन निगम के बस चालक व परिचालक की मनमानी के चलते विद्यार्थियों को स्कूल जाने से वंचित रहना पड़ा। इस मामले की जांच कर संबंधित चालक व परिचालक पर कार्रवाई करें, ऐसी मांग विद्यार्थी व अभिभावकों ने की है। अन्यथा मौसम के बस स्टैंड पर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी गई है।
राज्य के 12 जिलों के लिए मानव विकास मिशन अंतर्गत छात्राओं के निशुल्क शिक्षा के लिए बस की योजना चलाई जा रही है। इसमें जिले का समावेश है। अहेरी बस डिपो के कार्यक्षेत्र अंतर्गत प्रत्येक तहसील के लिए 6 बसें नियमों के तहत उपलब्ध कराने है। इसमें मिलीभगत कर पड़ोसी चंद्रपुर जिले के गोंडपिपरी तहसील में 6 बसें भेजी गई है।
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यहां शिक्षारत विद्यार्थियों पर अन्याय किया जा रहा है। मानव विकास मिशन के बस में छात्राओं को प्रथम प्राथमिकता है। प्रत्येक सीट छात्राओं के लिए आरक्षित है। ऐसे में छात्राओं के लिए ही बस नहीं रुकती है, तो यह योजना किस काम की, ऐसा सवाल अब अभिभावक पूछ रहे है।
मानव विकास मिशन की बसें ही अहेरी डिपो का आधार है। बस के भरोसे ही धूपकाले के सीजन में अहेरी डिपो ने सर्वाधिक मुनाफा देने वाला डिपो के तौर पर राज्य में प्रथम क्रमांक प्राप्त किया। धूपकाले में मानव विकास मिशन बसें जल्द गति मार्ग पर उपयोग में लाए तथा लाभ प्राप्त किया। लेकिन स्कूल के अवधि में विद्यार्थियों की ओर अनदेखी कर आम यात्रियों को बस में सवार करने में अहेरी डिपो को अधिक रूचित होने की बात दिखाई दे रही है। डिपो विद्यार्थियों की ओर अनदेखी करने का आरोप किया जा रहा है।