कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: नवी मुंबई में 1,700 घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी के एक मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। महाराष्ट्र के एक बिल्डर एवं उसके सहयोगियों की 44 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई कार्रवाई के तहत दुबई में एक विला, मुंबई और पुणे में मकान और भूखंड सहित अचल संपत्तियां जब्त की गई हैं।
ईडी बताया कि यह कार्रवाई ‘सुप्रीम कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपर प्राइवेट लिमिटेड’, इसके प्रवर्तक ललित टेकचंदानी और कुछ अन्य के खिलाफ की गई है। उन पर नवी मुंबई के तलोजा में एक आवासीय परियोजना के सिलसिले में 1,700 से अधिक घर खरीदारों से 400 करोड़ रुपये की रकम इकट्ठा करने का आरोप है।
ईडी ने एक बयान में कहा कि परियोजना में देरी के कारण घर खरीदारों को न तो फ्लैट मिला न ही पैसे वापस किये गए। टेकचंदानी को पिछले साल मार्च में ईडी ने गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत जेल में है।
ईडी ने दावा किया कि उससे की गयी पूछताछ में खुलासा हुआ है कि घर खरीदने वालों से मिली धनराशि का बिल्डर ने निजी लाभ के लिए और अपने परिवार के सदस्यों समेत विभिन्न लोगों नामों से संपत्तियां बनाने के लिए ‘धनशोधन’ किया।
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निदेशालय के मुताबिक टेकचंदानी ने कंपनी के स्वामित्व और निदेशक पद से हटने के बावजूद अन्य आरोपियों की सहायता से कंपनी की संपत्तियों का ‘हस्तांतरण’ किया। अधिकारी ने बताया कि आरोपी कंपनी से आने वाली रकम को एक सहयोगी इकाई के खाते में डाल रहे थे और इस तरह रुपयों की ‘हेराफेरी’ कर रहे थे।
धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत दुबई स्थित एक विला, मुंबई में आवासीय व्यावसायिक परिसर, पुणे में भूखंड और सावधि जमाराशि की अस्थायी कुर्की का आदेश जारी किया गया है। इन संपत्तियों की कुल कीमत 44.07 करोड़ रुपये आंकी गई है। एजेंसी ने इससे पहले जांच के तहत 158 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।