अमित शाह व एकनाथ शिंदे (डिजाइन फोटो)
मुंबई: महाराष्ट्र में जब से महायुति 2.0 सरकार बनी है तब से गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं होने की खबरें सामने आ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा उपमुख्यमंत्री लगातार भाजपा से नाराज बताए जा रहे हैं। इस बीच एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाए जाने से खुश नहीं दिखाई दे रहे है। ऐसा दावा उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में किया गया है।
‘सामना’ के अनुसार एकनाथ शिंदे ने भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ एक बैठक की और सीएम पद पर दावा किया है। हालांकि अमित शाह ने इसके लिए इनकार कर दिया और कहा कि आप भाजपा में मर्ज हो जाओ, उसके बाद सीएम पद पर आपका क्लेम बनेगा।
सामना में कहा गया कि “आज महाराष्ट्र में नागरिकता पाने के लिए मराठी अस्मिता से बेईमानी करने वालों की फौज खड़ी हो गई है। छत्रपति शिवाजी महाराज और संभाजी राजा के समय विश्वासघात किये गये। आज भी बेईमान लोग इन्हीं कारणों से दिल्ली में मुजरा करते हैं।”
उद्धव ठाकरे से लड़ाई शुरू करते समय एकनाथ शिंदे के बीच का ‘मराठा’ जाग उठा था। आत्मसम्मान के लिए यह कठम उठाया ऐसा ढोल पीटा गया। उस मराठा का आज दिल्ली के शाह के चरणों में झुकते हुए देखा जा सकता है।
सामना में दावा किया गया है कि 22 फरवरी की सुबह एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। पुणे के कोरेगांव पार्क स्थित वेस्टिन होटल में यह मुलाकात हुई। अमित शाह से मिलने के लिए शिंदे सुबह 4 बजे तक जाग रहे थे।
सामना के दावे के मुताबिक शिंदे ने कहा कि “सरकार में मेरा कोई सम्मान नहीं है, कल तक मैं मुख्यमंत्री था। आज मेरे सभी फैसलों को पलटा जा रहा हैं। एकनाथ शिंदे ने अमित शाह से सुबह 4 बजे मुलाकात की। यही सब बताने के लिए शिंदे को इतनी सुबह अमित शाह से मिले। बेलगाम में मराठी लोगों पर हमले बंद करो, केंद्र को हस्तक्षेप करना चाहिए, यह कहने के लिए तो नहीं ही मिले होंगे।”
सामना में लिखा गया कि अमित शाह से मुलाकात के बाद जब एकनाथ शिंदे बाहर निकले तो उनका चेहरा उतर गया। गृह मंत्री अमित शाह और शिंदे के बीच चर्चा हुई और शिंदे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लेकर शिकायत की।
महाराष्ट्र की अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें
सामना में दावा किया गया कि अमित शाह की इस बात के बात बैठक समाप्त हो गई, और यह बात भाजपा के लोगों ने ही बताई है। प्रयागराज में कुंभ समाप्त हो गया है लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में पार्टियों को तोड़फोड़ करने का काम अब भी जारी है।