क्षतिग्रस्त प्रतिमा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (सोशल मीडिया)
मुंबई. महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले की मालवण तहसील में राजकोट किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर जाने से महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है। इस घटना को लेकर उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जनता से माफी मांगी है। साथ ही उन्होंने उसी स्थान पर जल्द से जल्द एक बड़ी प्रतिमा बनाने की घोषणा कर दी है।
शिंदे ने जोर देकर कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराष्ट्र के संरक्षक देवता हैं। मैं 100 बार उनके पैर छूने और (मूर्ति टूटने की घटना के लिए) माफी मांगने को तैयार हूं। मैं माफी मांगने से पीछे नहीं हटूंगा। हमारी सरकार उनके (शिवाजी के) आदर्शों को ध्यान में रखकर काम करती है।” यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए शिंदे ने कहा कि विपक्ष के पास राजनीति करने के लिए अन्य मुद्दे भी हैं, लेकिन महाराष्ट्र में पूजनीय शिवाजी महाराज को इससे दूर रखा जाना चाहिए।
बुधवार को देर रात मंत्रियों, राज्य के शीर्ष अधिकारियों और नौसेना के अधिकारियों के साथ शिंदे की बैठक के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि सरकार ने शिवाजी महाराज की मूर्ति के ढहने के कारणों की जांच के लिए एक तकनीकी समिति गठित की है। समिति में इंजीनियर, आईआईटी विशेषज्ञ और नौसेना के अधिकारी शामिल होंगे।
# Live📡| 29-08-2024
📍मुंबई
🎥 पत्रकारांशी संवाद https://t.co/K4WcysXCD5— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) August 29, 2024
शिंदे ने बताया कि दो संयुक्त समिति बनायी गयी है। एक समिति दुर्घटना के पीछे के कारणों का पता लगाएगी, जबकि दूसरी समिति में विशेषज्ञ, छत्रपति शिवाजी की मूर्तियां बनाने का अनुभव रखने वाले मूर्तिकार, इंजीनियर और नौसेना के अधिकारी शामिल होंगे जो पुनर्निर्माण के पहलू पर विचार करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारा प्रयास प्रतिमा का पुनर्निर्माण करना है।” शिंदे ने कहा कि नौसेना ने मांग की है कि जिस क्षेत्र में प्रतिमा स्थापित की गई है उसे निरीक्षण के लिए घेर कर अलग कर दिया जाए और पुनर्निर्माण कार्य शुरू किया जाए।
वहीं, अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर जाने की घटना को लेकर गुरुवार को राज्य में मौन विरोध प्रदर्शन किया और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। एनसीपी का विरोध इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि पार्टी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के तीन घटक दलों में से एक है और मूर्ति के गिरने से उत्पन्न भारी आक्रोश के बीच संभावित राजनीतिक परिणामों पर विचार कर रही है।
नांदेड़ में अजित पवार की जनसम्मान यात्रा के दौरान राकांपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने कहा कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिर जाना दुखद है और उनकी पार्टी ने घटना के खिलाफ प्रदर्शन करने का फैसला किया है क्योंकि सभी को ऐसा करने का अधिकार है। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में सभी को आंदोलन का अधिकार है। मालवण में शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। हम इसके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।”
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बता दें कि शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे के बुधवार के राजकोट दुर्ग दौरे के समय भाजपा नेता नारायण राणे के समर्थकों और शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के दौरान, राणे के खबरों में आए बयान पर तटकरे ने कहा, “राणे का बयान अनुचित है। मूर्ति गिरने की घटना दुखद है, लेकिन इस तरह की भाषा एक जिम्मेदार नेता को शोभा नहीं देती। यह महाराष्ट्र की संस्कृति के अनुरूप नहीं है।”
गौरतलब है कि सिंधुदुर्ग की मालवण तहसील में राजकोट किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा 26 अगस्त को गिर गई। इसका अनावरण करीब नौ महीने पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। यह घटना एक बड़े राजनीतिक विवाद का रूप ले चुकी है और विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) ने इसे लेकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर निशाना साधा है।
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विपक्षी नेताओं ने बुधवार को घोषणा की कि प्रतिमा ढहने की घटना के खिलाफ एमवीए एक सितंबर को मुंबई में मार्च निकालेगी, जबकि सत्तारूढ़ राकांपा ने भी कहा था कि वह बृहस्पतिवार को राज्य के हर जिले और तहसील में मौन विरोध प्रदर्शन करेगी और उसी स्थान पर महान मराठा शासक की एक मजबूत और बड़ी प्रतिमा स्थापित करने की मांग करेगी। (एजेंसी इनपुट के साथ)