छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा ढहने का मामला (सौ.सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के बाद से राज्य में बवाल जारी है। इसे लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष आमने सामने है। मामले के तूल पकड़ने के बाद सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रतिमा के ढहने के कारणों का पता लगाने के लिए इंजीनियर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के विशेषज्ञों और नौसेना अधिकारियों की एक तकनीकी समिति गठित की है।
बताया जा रहा है कि मामले को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार देर रात राज्य सरकार और नौसेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में प्रतिमा के ढहने के कारणों का पता लगाने के लिए इंजीनियर, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के विशेषज्ञों और नौसेना अधिकारियों की एक तकनीकी समिति गठित की है।
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मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा बुधवार रात जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया है कि सरकार ने योद्धा राजा के ‘‘कद के अनुरूप एक भव्य प्रतिमा” बनाने के लिए एक समिति भी गठित की है। विज्ञप्ति में बताया गया कि यह निर्णय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने लिया। उन्होंने बुधवार रात दक्षिण मुंबई स्थित अपने आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में वरिष्ठ मंत्रियों, नौकरशाहों और नौसेना अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की।
प्रतिमा बनाने के ठेकेदार के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है। शिवाजी की प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने करीब नौ महीने पहले किया था। राज्य लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की एक शिकायत के बाद एक प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि प्रतिमा का निर्माण कार्य घटिया गुणवत्ता का था।
एमवीए कार्यकर्ताओं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता नारायण राणे के समर्थकों के बीच बुधवार को झड़प हुई थी। पथराव में एक पुलिस कांस्टेबल घायल हो गया था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने देर रात कहा, ‘‘हम सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रहे हैं। हम दंगे में शामिल सभी लोगों की पहचान करेंगे और कार्रवाई करेंगे।
जानकारी के लिए बता दें कि सिंधुदुर्ग की मालवण तहसील में राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा साम्राज्य के संस्थापक की 35 फुट ऊंची प्रतिमा सोमवार को दोपहर करीब एक बजे गिर गई थी। पिछले साल चार दिसंबर को इस प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया था।