राज ठाकरे व देवेंद्र फडनवीस (सोर्स- सोशल मीडिया)
Maharashtra Politics: एक तरफ महाराष्ट्र में मानसून ने तांडव काट रखा है, तो दूसरी तरफ सूबे में निकाय निकाय चुनाव से पहले सियासी शोलों ने राजनैतिक मौसम गर्म कर रखा है। इन शोलों को गुरुवार को एक और हवा का झोंका तब मिला जब राज्य के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और राज ठाकरे की मुलाकात हुई।
महाराष्ट्र के मुखिया देवेन्द्र फडणवीस और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के बीच हुई मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते हुए डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि राज्य में संवाद कायम रखना एक परंपरा रही है। इससे एक दिन पहले ही BEST चुनाव में राज की मनसे और उद्धव की शिवसेना को हार का सामना करना पड़ा था।
इस मुलाकात के बारे में वर्धा में मीडिया से बात करते हुए पवार ने कहा, ‘कई नेता एक-दूसरे और मुख्यमंत्री से मिलते हैं, चाहे वे नेता सत्ता में हों या नहीं। एक-दूसरे से संवाद कायम रखना राज्य की परंपरा है। इस मुलाकात को राजनीतिक रंग देने की कोई जरूरत नहीं है।’
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) और राज ठाकरे की मनसे, जिन्होंने बेस्ट कर्मचारी सहकारी ऋण समिति का चुनाव साथ मिलकर लड़ा था, को बुधवार को अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा। दोनों पार्टियों ने पहली बार मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन उनका संयुक्त पैनल 21 में से किसी भी पद पर जीत हासिल नहीं कर पाया।
राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए शिवसेना (UBT) और मनसे के बीच संभावित गठबंधन की चर्चाएं चल रही हैं। ऐसे में सूबे के सीएम और बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस से राज ठाकरे की मुलाकात का होना कहीं इस बात का इशारा तो नहीं है कि सूबे की सियासत में फिर से कुछ बड़ा होने जा रहा है?
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हालांकि, इससे पहले भी राज ठाकरे ने सीएम देवेन्द्र फडणवीस से दक्षिण मुंबई स्थित उनके आधिकारिक बंगले ‘वर्षा’ में मुलाकात की थी, जिससे राज्य में राजनीतिक अटकलों का बाजार गर्म हो गया था। इसके बावजूद फडणवीस ने दोनों पार्टियों पर “ठाकरे ब्रांड” के नाम पर क्रेडिट सोसाइटी चुनावों का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया था।