ओबीसी आरक्षण पर छगन भुजबल ने दिखाए सख्त तेवर (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nashik News: महाराष्ट्र सरकार के मराठा आरक्षण के फैसले से ओबीसी समुदाय में असंतोष बढ़ गया है। इसी के चलते मंत्री छगन भुजबल की समता परिषद ने ओबीसी समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए राज्यभर में आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है। परिषद का कहना है कि मराठा समुदाय को आरक्षण मिलना चाहिए, लेकिन ओबीसी के कोटे से नहीं, क्योंकि यह भुजबल का एक स्पष्ट रुख रहा है। मराठा आरक्षण पर सरकार के फैसले से नाराज छगन भुजबल ने इसके खिलाफ अदालत जाने की चेतावनी दी है।
उनका कहना है कि मराठाओं को संवैधानिक तरीके से आरक्षण दिया जाए ताकि ओबीसी आरक्षण पर कोई आंच न आए। समता परिषद ने साफ किया है कि भुजबल के लिए मंत्री पद से ज्यादा उनकी पहचान एक ओबीसी नेता के रूप में महत्वपूर्ण है। परिषद ने कहा है कि चाहे भुजबल मंत्रिमंडल में रहें या न रहें, हम ओबीसी समुदाय के लिए हर लड़ाई में उनके साथ खड़े रहेंगे।
समता परिषद का कहना है कि भुजबल ने पहले भी ओबीसी के लिए निर्णायक संघर्ष किए हैं। अब एक बार फि र ओबीसी आरक्षण पर खतरे को देखते हुए, समता परिषद पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेगी। परिषद के नेताओं ने कहा कि छगन भुजबल पहले ओबीसी नेता हैं, बाद में मंत्री अगर सरकार ने ओबीसी के अधिकारों पर हमला करने की कोशिश की, तो वे पूरे राज्य में मजबूती से आंदोलन करेंगे।
छगन भुजबल के कड़े रुख के बादनासिक में प्रशासन सतर्क हो गया है। उनके निवास, भुजबल फार्म और कार्यालय के बाहर पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मराठा और ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर एहतियात के तौर पर पुलिस ने यह कदम उठाया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भुजबल क्या रुख अपनाते हैं और सरकार के सामने एक नया ओबीसी आंदोलन कैसे खड़ा होता है।
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समता परिषद ने साफ कर दिया है कि छगन भुजबल का मंत्री पद पर रहना या न रहना मायने नहीं रखता है। उनके लिए ओबीसी नेता के रूप में समुदाय के अधिकारों की रक्षा करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। परिषद का कहना है कि भुजबल हमेशा ओबीसी समुदाय की ढाल बनकर खड़े रहे हैं और इस बार भी वह अपने समुदाय के साथ हैं।