नरभक्षक बाघ का आतंक। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
चंद्रपुर: चंद्रपुर जिले के मूल और नागभीड़ तहसील में तेंदूपत्ता तोड़ने और दूसरी बकरियां चराने जंगल गए 2 व्यक्तियों पर बाघ ने हमला कर दिया, जिसमें उनकी मौत हो गई। मृतकों में नागभीड़ तहसील के वाढोना निवासी मारोती वकडू शेंडे (64) और मूल तहसील के भादुर्नी निवासी ऋषि शिंगाजी पेंदोर (70) हैं। नौ दिनों में अब तक जिले में आठ लोगों की मौत हो चुकी है।
पहली घटना में वाढोना निवासी मारोती वकडू शेंडे अपनी पत्नी और अन्य नागरिकों के साथ रविवार की सुबह नागभीड़ तहसील के तलोधी बा. वन क्षेत्र के आलेवाही बीट के कक्ष क्रमांक 697 (तालाब क्षेत्र में) में तेंदूपत्ता तोड़ने गए थे। तालाब क्षेत्र में शिकार की ताक में बैठे बाघ ने पीछे से उन पर हमला कर दिया। आस-पास के लोग उन्हें बचाने के लिए दौड़े। अन्य लोगों की शोर सुनकर बाघ जंगल की ओर भाग गया।
लेकिन बाघ के हमले में वह व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। वन विभाग को तुरंत सूचित किया गया। वन अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे। गंभीर रूप से घायल मारोती को खून से लथपथ हालत में तुरंत वाढोना के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें सिंदेवाही ग्रामीण अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। हालांकि, गंभीर रूप से घायल मारोती वकडू शेंडे की इलाज के दौरान मौत हो गई। वन विभाग ने तत्काल सहायता के तौर पर मृतक की पत्नी को 50 हजार रुपये की सहायता दी।
दूसरी घटना मूल तहसील में घटी। मूल के बफर कार्यालय के अंतर्गत आने वाले भादूर्णी के शिवापूर चक के ऋषि शिंगाजी पेंदोर (उम्र 63) शनिवार को बकरियां चराने गए थे। जब रात होने के बाद भी वह घर नहीं लौटे तो परिजनों ने रात में उनकी तलाश की, लेकिन उनका पता नहीं चल सका। वन विभाग को सूचित किया गया। वन विभाग ने रविवार सुबह तलाशी अभियान शुरू किया। उनके शरीर के अंग कंपार्टमेंट संख्या 1,008 के जंगल में शिवपुर चक क्षेत्र में सिंचाई विभाग के नहर के पास मिले।
वन अधिकारियों ने पाया कि बाघ ने पूरा शरीर खा लिया था, केवल सिर का हिस्सा और एक हाथ बचा था। हाल ही में उसी गांव के पास मौजूद जंगल में तेंदूपत्ता तोड़ने गई एक महिला की बाघ के हमले में मौत हो गई थी। वन विभाग के बफर के वनपरिक्षेत्र अधिकारी कारेकर एवं उनकी टीम तथा पुलिस विभाग के कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचकर शव को उपजिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।