
ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व (सोर्स: सोशल मीडिया)
Tadoba-Andhari Tiger Reserve Rewilding Project: विदर्भ में विभिन्न विकास कार्यों के साथ-साथ वहां के जंगल, वनसंपदा और जैवविविधता के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस लगातार प्रयासरत रहे हैं। उनकी ही संकल्पना के अंतर्गत चंद्रपुर जिले की ताड़ोबा-अंधारी बाघ परियोजना के आसपास के 800 एकड़ भूभाग का पर्यावरणीय पुनरुत्थान (रीवाइल्डिंग) प्रकल्प शुरू किया गया है।
इस परियोजना में जिरोधा कंपनी और रेनमेंटर फाउंडेशन सामाजिक उत्तरदायित्व निधि से सहयोग करेंगे। इस उपक्रम के तहत जंगल, घासभूमि या प्राकृतिक जलक्षेत्र में मानवीय हस्तक्षेप न्यूनतम रखते हुए प्राकृतिक भूमि, वन्यजीव और जैवविविधता का पुनरुत्थान करना है। इसी संकल्पना के आधार पर ताड़ोबा-अंधारी बाघ परियोजना के आसपास 800 एकड़ क्षेत्र में पर्यावरणीय पुनरुत्थान किया जाएगा।
महाराष्ट्र में इस प्रकार का यह पहला प्रकल्प ताड़ोबा में लागू होने जा रहा है। इसके लिए महाराष्ट्र शासन के वन विभाग, फार्मर्स फॉर फॉरेस्ट, जिरोधा और रेनमेंटर फाउंडेशन संयुक्त रूप से कार्य करेंगे। इस हेतु लगभग 100 करोड़ रुपये के ‘जिरोधा रीवाइल्डिंग फंड’ का प्रावधान किया गया है।
इस परियोजना की औपचारिक घोषणा जल्द ही की जाएगी। ज़िरोधा और रेनमेंटर फाउंडेशन के माध्यम से पर्यावरण और सामाजिक क्षेत्र में कई पहलें पहले से चल रही हैं। रेनमेंटर फाउंडेशन जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय हानि जैसे विषयों पर कार्य करती है।
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जिरोधा कंपनी अपने लाभ का 10% सामाजिक उत्तरदायित्व और पर्यावरणीय कार्यों के लिए सुरक्षित रखती है। इसी निधि से, कंपनी ने अपने 15वें स्थापना दिवस के अवसर पर, 100 करोड़ रुपये के ‘ज़िरोधा रीवाइल्डिंग फंड’ की घोषणा की है।
इस पहल के अंतर्गत देशभर में पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण प्राकृतिक परिसरों के पुनरुत्थान का लक्ष्य रखा गया है। इसमें मोनोकल्चर पौधारोपण के बजाय जैवविविधता को प्रोत्साहन देने वाली पद्धतियों को अपनाया जाएगा, ताकि प्रकृति का संतुलन बना रहे। इन्हीं परियोजनाओं में विदर्भ स्थित ताड़ोबा-अंधारी बाघ परियोजना के पास का 800 एकड़ का क्षेत्र भी शामिल है।
विदर्भ के पर्यावरण संरक्षण के लिए रीवाइल्डिंग जैसे प्रकल्प अत्यंत उपयोगी हैं। ऐसे कार्यों में जिरोधा जैसी कंपनियों की भागीदारी अत्यंत सराहनीय है और यह पर्यावरण-संरक्षण आधारित पहल केवल महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणादायक सिद्ध हो।






