देवेंद्र फडणवीस और मनोज जरांगे
चंद्रपुर: चंद्रपुर के ओबीसी नेता डॉ. अशोक जिवतोडे ने आरोप लगाते हुए कहा कि, मराठा आंदोलनकारी मनोज जरांगे ने भाजपा के कद्दावर नेता और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को निशाना बनाने के सुपारी ली है। उन्होंने कहा कि जरांगे को जाति-जातियों के बीच झगड़े पैदा करना बंद कर देना चाहिए। उन्हें दिए गए आरक्षण को स्वीकार करना चाहिए।
जिवतोडे ने कहा कि ओबीसी आरक्षण पर देवेंद्र फडणवीस की भूमिका स्पष्ट है। भारतीय जनता पार्टी ने भी पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है कि मराठों को अलग से आरक्षण दिया जाएगा। महायुति राज्य सरकार के साथ ओबीसी संगठनों के प्रतिनिधिमंडल की हुई बैठक में राज्य सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लेकर भी अपनी स्थिति स्पष्ट की है। इसके विपरीत महा विकास आघाड़ी ने अभी तक इस संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है।
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जिवतोडे ने यह भी कहा कि अगर मनोज जरांगे राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारते हैं तो इसका असर महाविकास आघाड़ी पर ही पड़ेगा। भारतीय जनता पार्टी ने केंद्र और राज्य में अपने शासनकाल के दौरान ओबीसी समुदाय के लाभ के लिए कई सरकारी फैसले पारित किए हैं।
पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय ओबीसी आयोग की संवैधानिक स्थिति के समान 5 सरकारी फैसले लिए हैं, जबकि राज्य सरकार ने ओबीसी के पक्ष में लगभग 43 सरकारी फैसले लिए हैं। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कुल 48 ऐसे सरकारी फैसले लिए गए हैं। मराठा आंदोलनकारी मनोज जारांगे हर बार तारीख देकर और समय सीमा तय करके कहते हैं कि, अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम ऐसा करेंगे, ऐसी धमकियां देना ठीक नहीं है। डॉ. जीवतोड़े ने कहा कि संवैधानिक तरीकों से आरक्षण की लड़ाई लड़ें, स्थायी आरक्षण मांगें, विरोध करें, आरक्षण की सीमा को 50 प्रतिशत से अधिक करने के बाद ही आरक्षण की पुरजोर मांग करें।
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