साल 2023 में आयोजित पिछड़ा वर्ग आयोग की बैठक की तस्वीर(फोटो नवभारत)
Maharashtra News In Hindi: राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर की अध्यक्षता में 24 जुलाई 2023 को संभागीय आयुक्त, नागपुर कार्यालय में एक समीक्षा बैठक और जनसुनवाई आयोजित की गई। इस बैठक में आयोग ने कर्नाटक विद्युत निगम, भूमि अधिग्रहण आदि से संबंधित परियोजना पीड़ितों, पुनर्वासित किसानों, ग्रामीणों और मजदूरों के संबंध में महाराष्ट्र सरकार और कर्नाटक सरकार के बीच 2016 में हुए समझौते को लागू करने के निर्देश दिए थे।
कर्नाटक सरकार और केपीसीएल ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर किसानों को मुआवजा, पुनर्वास, अधिग्रहण, मजदूरी और अन्य लाभों के संबंध में संभागीय आयुक्त, नागपुर और जिला कलेक्टर, चंद्रपुर की भूमिका और इस संबंध में आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों को चुनौती दी।
आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने 2018 में धारा 338बी के तहत आयोग को प्रदत्त संवैधानिक शक्तियों के अंतर्गत अपनी भूमिका स्पष्ट की। 24 जुलाई 2023 को आयोग ने कनार्टक हाई कोर्ट, कर्नाटक सरकार के समक्ष किसानों के हितों और केपीसीएल द्वारा उनके विरुद्ध किए जा रहे अन्याय एवं अत्याचारों पर प्रभावी ढंग से तर्क दिया।
उच्च न्यायालय ने कर्नाटक सरकार और केपीसीएल के स्थगन आदेश और याचिका को खारिज कर दिया और निर्णय दिया कि आयोग की संवैधानिक शक्तियां केवल औपचारिकता मात्र नहीं हैं, बल्कि उनका संविधान के अनुसार सम्मान और क्रियान्वयन किया जाना चाहिए। इसी भावना के साथ, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कर्नाटक सरकार की याचिका खारिज कर दी।
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फैसले में, न्यायालय ने कहा कि चूंकि संविधान में अनुच्छेद 338बी को शामिल किया गया है, इसलिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को एक वैधानिक निकाय से एक संवैधानिक निकाय के रूप में पदोन्नत किया गया है।
एक संवैधानिक निकाय के रूप में आयोग का कार्य सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों के हितों की रक्षा करना, केंद्र और राज्य सरकारों के लिए सलाहकार की भूमिका निभाना, शिकायत निवारण तंत्र के रूप में कार्य करना और जातियों के समावेशन और बहिष्करण के संबंध में सिफारिशें करना है। इस संवैधानिक स्थिति के कारण ही आयोग को शिकायतों का प्रभावी ढंग से निवारण करने का अधिकार प्राप्त है।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है और इस बात पर संतोष व्यक्त किया है कि इस निर्णय से विस्थापित ओबीसी किसानों के परिवारों को न्याय मिला है।
यह सफलता मोदी सरकार द्वारा आयोग को दिए गए संवैधानिक दर्जे और संविधान के अनुच्छेद 338 बी के तहत प्रदत्त शक्तियों का परिणाम है। अहीर ने न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया है। इस निर्णय से केपीसीएल परियोजना पीड़ितों में खुशी का माहौल है।