बाघ के हमले में मादा शावक की मौत। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
चंद्रपुर: चिमूर तहसील के महाविकास महामंडल अंतर्गत खडसंगी वनक्षेत्र के महालगांव बीट के कंपार्टमेंट क्रमांक -21 में उरकुंडपार तालाब के पास एक नर बाघ द्वारा 6 वर्ष 7 महीने की मादा बाघिन शावक पर हमला किए जाने से उसकी जान लेने की सूचना वन अधिकारियों को मिली। यह घटना सोमवार 19 मई की शाम 4 बजे उजागर हुई।
सूचना मिलने पर विभागीय प्रबंधक मोटकर, वनपरिक्षेत्र अधिकारी खंडसंगी एफडीसीएम ए के सोनुरकर तथा चिमूर प्रादेशिक वनपरिक्षेत्र अधिकारी के बी देऊरकर ने घटनास्थल पहुंचकर मुआयना किया। पंचनामा कर रात को मादा शावक को पोस्टमार्टम करने हेतु टीटीसी चंद्रपुर भेजा गया।
मादा शावक के सभी अवयव शाबूत हैं। मादा शावक के शरीर पर सभी नाखून शाबूत हैं। हमले के 3 निशान हैं। और चौथी ग्रीवा कशेरूका, तीसरी बाई पसली तथा 5वीं और छठी दाहिनी पसली अत्यधिक रक्तस्त्राव से फैक्चर हुई हैं। उक्त बाघिन शावक की मौत कई चोटों के कारण सदमे में आकर हुई है।
कशेरूका का डीएनए विश्लेषण के लिए एकत्रित किया गया और हिस्टोपैथोलॉजिकल परीक्षण के लिए भेजा गया। शव परीक्षण के दौरान डॉ. रविकांत एस. खोबरागड़े, पशु चिकित्सा अधिकारी (वन्यजीव) और प्रमुख, रैपिड रेस्क्यू टीम, टीएटीआर, डॉ. कुंदन पोडचावार, पशु चिकित्सा अधिकारी, टीटीसी, चंद्रपुर, डॉ. पी. डी. कडुकर, सेवानिवृत्त एलडीओ, चंद्रपुर वन प्रभागीय प्रबंधक गणेश मोटकर उपस्थित थे।
फिलहाल जंगल में बाघ और बाघिन का मेटिंग का मौसम चल रहा है। इस बीच एक बाघ के इलाके में दूसरे बाघ, बाघिन अथवा शावक द्वारा प्रवेश किए जाने पर उनमें संघर्ष होना तय होता है। इसी बीच इस मादा शावक पर एक बड़े बाघ द्वारा हमला करने तथा उसमें शावक की जान जाने की बात वन्यप्रेमियों द्वारा कही जा रही है।