कामगारों ने दी आंदोलन की चेतावनी (सौजन्य-नवभारत)
Coal Mine Workers: चंद्रपुर जिले की कोल इंडिया लिमिटेड ने कार्यकारी अधिकारी एवं गैर कार्यकारी अधिकारीयों को लाखों रूपयों का बोनस दिया लेकिन कोयला उत्पादन का आधार ठेका कामगारों को दिवाली का बोनस देने के मामले में ठेंगा दिखाया जा रहा है जिससे कोयला खदानों में कार्यरत ठेका कामगारों में तीव्र असंतोष और आक्रोश है।
दिवाली के पहले कोयला खदान ठेका कामगारों को बोनस नही देने पर तीव्र आंदोलन करने का इशारा नांदा निवासी रोशन हरबडे एवं अन्य ठेका कामगारों ने पत्रपरिषद में दिया है। उन्होंने पत्रपरिषद में बताया कि, अधिकांश कोयला उत्पादन ठेका कामगारों की मेहनत और पसीने पर निर्भर है। खदान में खुदाई, मिट्टी ढोना, कोयला निकालना जैसे सभी कठिन कार्य ठेका कामगारों द्वारा किए जा रहे हैं।
फिर भी, उन्हें बोनस जैसे मूलभूत अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है। यह सरासर भेदभावपूर्ण और शोषणकारी व्यवहार है। कोयला खदान प्रशासन ने कार्यकारी और गैर-कार्यकारी अधिकारियों को लाखों रुपये का बोनस दिया है, जिससे ठेका कामगारों को कोई शिकायत नहीं है, लेकिन ठेका कामगारों का बोनस उनका हक़ है। उन्होंने बताया कि, अधिकारियों के खातों में बोनस की राशि पहुंच गई है, लेकिन ठेका मज़दूरों के लिए कोई आदेश, पत्र या गारंटी जारी नहीं किया गया।
इससे मज़दूर वर्ग में गुस्सा बढ़ रहा है। ठेका कामगारों के बिना एक टन भी कोयला उत्पादन संभव नहीं है। प्रशासन को 10 दिन में निर्णय लेने की चेतावनी के साथ ही कहा गया कि बोनस वितरित करने का आदेश नहीं दिया तो कामगार सड़कों पर उतरेंगे और काम बंद, हड़ताल और उग्र प्रदर्शन जैसे कड़े आंदोलनात्मक कदम उठाएंगे।
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इसके परिणाम के लिए कोयला खदान प्रबंधन प्रशासन और कोल इंडिया लिमिटेड पूरी तरह ज़िम्मेदार होगा । इसलिए कोल इंडिया लिमिटेड की संबंधित मानकीकरण समिति तुरंत हस्तक्षेप करे और ठेका कामगारों को बोनस वितरण का आदेश दे अन्यथा कामगार वर्ग आंदोलन का रास्ता अख्तियार करेगा ऐसा इशारा पत्रपरिषद में रोशन हरबडे एवं अन्य ठेका कामगारों ने दिया है।