चंद्रपुर न्यूज
Chandrapur News: बिजली संयंत्रों से उत्पादित बिजली को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने वाली विद्युत ग्रिड में तकनीकी खराबी आने से स्थानीय ताप बिजलीघर के 3 यूनिट्स ठप हो गए। जिससे बिजलीघर का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ। यह खराबी ऐन दिवाली की रात मंगलवार को रात 8 बजे के करीब हुई। जिससे बिजलीघर में हड़कंप मच गया।
गौरतलब है कि, ताप बिजलीघरों से उत्पादित बिजली को ट्रांसमिशन लाइनों के माध्यम से उपभोक्ताओं में वितरण के लिए एक केंद्रीय प्रणाली में भेजा जाता है, जिसे विद्युत ग्रिड कहा जाता है। महाराष्ट्र में इस केंद्रीय ग्रिड प्रणाली का नियंत्रण महाट्रांसको के पास है। दिवाली के दिन रात 8 बजे के करीब स्थानीय ताप बिजलीघर के कुछ संयंत्र अचानक एक के बाद एक ठप होते चले गए।
कुछ ही पल में इस बिजलीघर के 3 यूनिट्स देखते देखते ही ठप पड़ गए जिनमें यूनिट क्रमांक 4, 8 और 9 वें क्रमांक का समावेश था। जब स्थिति संभली तब सीटीपीएस में सिर्फ 2 यूनिट्स ही कार्यान्वित थे जिनमें क्रमांक 3 और 6 का समावेश था। इस बिजलीघर के 5 और 7 वें क्रमांक के 2 यूनिट पहले से ही रखरखाव हेतु बंद थे।
एक के बाद एक ठप होते गए बिजली संयंत्रों के चलते इस बिजलीघर का उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ और कुल 2920 मेगावाट क्षमता वाले इस बिजलीघर में उत्पादन फिसलकर सिर्फ 400 मेगावाट तक आ पहुंचा था। बिजलीघर के एक साथ 3 यूनिट ठप होने से जहां एक ओर बिजली उत्पादन प्रभावित हुआ वहीं दूसरी ओर बिजलीघर के प्रबंधन और कार्यरत अधिकारी, कर्मियों में हड़कंप मच गया।
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कुछ पल के लिए किसी को भी समझ मे नहीं आया कि, बिजली संयंत्र किस वजह से ठप हुए। कुछ देर बाद यह पता चला कि, विद्युत ग्रिड में तकनीकी खराबी के कारण यह स्थिति निर्माण हुई है। यह भी बताया जाता है कि, ग्रिड में खराबी का खामियाजा महाजेनको के चंद्रपुर के साथ ही कोराडी तथा अन्य बिजलीघरों को भी हुआ। इसका बुरा परिणाम चंद्रपुर के निजी बिजलीघर धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर को भी हुआ है।
यह भी बताया जाता है कि, यह तकनीकी खराबी कुछ देर बाद दूर हो गयी, जिसके बाद बिजलीघर के अधिकारी और कर्मचारी ठप पड़े बिजली संयंत्रों को पूर्ववत शुरू करने की जद्दोजहद में जुट गए थे। देर रात 1 बजे इस बिजलीघर का यूनिट क्रमांक 4 पूर्ववत शुरू किया गया था, तथा शेष अन्य बंद पड़े यूनिटों को भी शुरू करने की कवायद अधिकारियों की ओर से जारी थी।