पुलिस थाने पहुंचे मजदूर (फोटो नवभारत)
Chandrapur News In Hindi: चंद्रपुर जिले के बल्लारपुर वेकोलि क्षेत्र के अंतर्गत बुद्धा कंपनी में कर्मचारियों का वेतन पिछले चार महीनों से बकाया है। इसके कारण 800 कर्मचारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। कर्मचारी अपना वेतन पाने के लिए प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं, जिससे कर्मचारियों में असंतोष है। आखिरकार सैकड़ों कर्मचारी राजुरा पुलिस स्टेशन पहुंचे और कंपनी प्रबंधन के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई साथ ही वेतन दिलाने की मांग की गई।
बल्लारपुर वेकोलि क्षेत्र में 6 कोयला खदानें संचालित हैं। वेकोलि के अंतर्गत एक निजी कंपनी द्वारा बड़े पैमाने पर कोयला निकाला जा रहा है। गोवरी पोवनी खदान का ठेका बुद्धा कंपनी को दिया गया था।
कर्मचारियों की संख्या अधिक होने के कारण कंपनी के खर्चे उसकी आय की तुलना में बढ़ गए। परिणामस्वरूप, वेतन न मिलने के कारण कर्मचारियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले चार महीनों से 800 से ज्यादा मजदूर अपने वेतन का इंतज़ार कर रहे हैं।
चंद्रपुर की बुद्धा कंपनी को नवंबर 2024 में गोवरी पोवनी खदान के बाहर भारी मिट्टी और कोयला निकालने का ठेका दिया गया था। इस कंपनी में 800 से ज्यादा मजदूर कार्यरत थे। इसमें तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ और राजुरा व चंद्रपुर तहसील के कुछ बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिला था।
बाहरी मजदूरों को खनन क्षेत्र में शिविर लगाकर रहने और खाने की व्यवस्था की गई थी। पिछले कुछ महीनों में लागत की तुलना में उत्पादन कम हुआ है। नतीजतन, वेकोलि से पैसे न मिलने के कारण मज़दूरों को मज़दूरी मिलना बंद हो गई है। इससे मज़दूरों के परिवारों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है।
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बुद्धा कंपनी ने त्योहारों के मौसम में मज़दूरों को बेसहारा छोड़ दिया है। इससे मजदूरों में भारी रोष है। वे न्याय के लिए प्रशासन का दरवाजा खटखटा रहे हैं। मजदूरी न मिलने के कारण यहां के मजदूर नौकरी छोड़कर गांव लौट रहे हैं।
मजदूरों के अनुसार, स्थानीय प्रशासन राज्य के बाहर के मज़दूरों को बिना वेतन दिए ही परिसर से बाहर निकाल रहा है। मजदूर नेता आरआर यादव और पूर्व नगरसेवक राजू डोहे ने वेकोलि प्रशासन और सरकार से मामले में हस्तक्षेप कर उन्हें न्याय दिलाने की मांग की है।