पूर्व विधायक बच्चू कडू (साेर्स: सोशल मीडिया)
Bachchu Kadu Controversial Aadvice To Farmers: पिछले कुछ दिनों से किसानों के मुद्दों पर आक्रामक रुख अपना रहे बच्चू कडू ने अब कुछ विवादित बयान दिए हैं। बुलढाना जिले के पटुर्दा गांव में राज्यव्यापी किसान अधिकार सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने किसानों को विधायकों से नाता तोड़ने की सलाह दी।
बच्चू ने कहा कि किसान आत्महत्या करने की बजाय विधायकों का गला काटें। इसके अलावा कहा कि छत्रपति संभाजी महाराज की हत्या औरंगजेब ने नहीं उनके ससुर ने की, क्योंकि उन्होंने उनकी वतनदारी को रोक दिया था। इन दोनों बयानों ने अब विवाद खड़ा कर दिया है और राजनीतिक गलियारों में उनकी आलोचना हो रही है।
उन्होंने कहा कि पहले जागीरदारी की प्रथा थी। निजामशाही और आदिलशाही इसी के कारण प्रचलित थी। उन्होंने कहा कि यह दिवाली के त्योहार के दौरान दर्द और दुःख का सम्मेलन है, कोई भी लड़ाई विचारों से बड़ी बनती है। अगर विचार मजबूत हैं, तो वे लोग अपनी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।
हम राजनेता किसानों को जाति-आधारित विवादों में फंसाए रखेंगे लेकिन किसानों को देखना चाहिए कि उनके हित में क्या है। किसानों को आज कम दामों पर सोयाबीन बेचना पड़ रहा है। हम किसानों के लिए आंदोलन करते हैं, लेकिन किसान आंदोलन से मुंह मोड़ लेते हैं।
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पूर्व विधायक बच्चू कडू ने कहा कि मैंने अब तक 350 से ज्यादा आंदोलन किए हैं। मैंने कम से कम चार कलेक्टरों को हटाया है। मैंने मंत्रालय के तीन सचिवों को सबक सिखाया।
छत्रपति संभाजी महाराज पर बयान पर उठे विवाद के बाद बच्चू कडू ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि वतनदारी किसानों के हित में नहीं थी। यह लूट की एक तकनीक थी। पहले छत्रपति शिवाजी महाराज और बाद में छत्रपति संभाजी महाराज ने वतनदारी को रोका।
हालांकि उनके ससुराल वालों ने वतनदारी मांगी, लेकिन संभाजी राजे ने नहीं दी। इसलिए, ससुराल वालों ने छत्रपति संभाजी महाराज की गतिविधियों के बारे में औरंगजेब को सूचित करने का काम किया, यह इतिहास है।