(फोटो सोर्स सोशल मीडिया)
नासिक : केंद्र सरकार ने शहर की बढ़ती आबादी को देखते हुए शहर में जलापूर्ति व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अमृत-2 योजना के तहत 234 करोड़ रुपए की योजना को मंजूरी दी है। लेकिन, प्रशासन को स्थानीय प्रतिनिधियों से फंड डायवर्ट करने और एक खास ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके कारण फैसले पलटने पड़े। इस मुद्दे को लेकर पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए और खुली प्रतिस्पर्धा की अनुमति देने के लिए बोली प्रक्रिया को 10 दिनों के लिए बढ़ा दिया गया है।
शहर की बढ़ती आबादी और आगामी कुंभ मेले के कारण शहर की जल आपूर्ति व्यवस्था पर दबाव पड़ रहा है। करीब 2.3 मिलियन की आबादी और 1-1.5 मिलियन की अतिरिक्त अस्थायी आबादी के कारण शहर का जल बुनियादी ढांचा दबाव में है।
कुंभ मेले में परवानी अवधि के दौरान 2-3 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, जिससे समस्या और भी गंभीर हो जाएगी। इससे निपटने के लिए मनपा ने अमृत-2 योजना के तहत राज्य सरकार को एक योजना प्रस्तावित की है, जिसमें नई जल पाइपलाइन बिछाना, पुरानी पाइपलाइनों को बदलना, पुरानी जल टंकियों की मरम्मत करना और नई पाइपलाइनें बनाना शामिल है। पहले चरण में ₹234 करोड़ के बजट के साथ योजना को मंजूरी दी गई है। लेकिन, ऐसे आरोप लगे हैं कि प्रशासन ने आदर्श आचार संहिता हटने के बाद परियोजना के लिए एक विशिष्ट ठेकेदार को लाभ पहुंचाने की योजना बनाई है। इसके कारण स्थानीय प्रतिनिधियों ने विरोध किया है।
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विधायक राहुल डिकले ने प्रशासन के इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि निविदा की शर्तें निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा में बाधा पैदा करेंगी। उन्होंने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाने की धमकी दी, जिसके कारण प्रशासन को अपने कदम पीछे खींचने पड़े। महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण ने कुछ दरें निर्धारित की थीं, जिनमें संशोधन किया गया है और निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा को सुविधाजनक बनाने के लिए निविदा की समय सीमा 10 दिन बढ़ा दी गई है।