कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार (सोर्स: सोशल मीडिया)
Vijay Wadettiwar On OBC Protest News: महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने हैदराबाद गजेटियर के अनुसार मराठा समुदाय के लिए आरक्षण को मंजूरी दे दी है। इससे मराठवाड़ा में मराठा समुदाय खुश हो गया है। लेकिन राज्य सरकार ने इस संबंध में जो नया सरकारी आदेश (जीआर) जारी किया है। उसकी वजह से ओबीसी नेताओं में भारी नाराजगी है। ओबीसी नेताओं का दावा है कि सरकार के जीआर की वजह से ओबीसी का आरक्षण खतरे में पड़ गया है।
मंत्री छगन भुजबल ने मराठा आरक्षण के नए सरकारी आदेश के खिलाफ अदालत जाने की चेतावनी भी दी है। नए सरकारी आदेश के खिलाफ अदालत में कई याचिकाएं दायर भी की गई हैं। इतना ही नहीं ओबीसी नेताओं ने 10 अक्टूबर को सकल ओबीसी महामोर्चा के आयोजन का ऐलान भी किया है।
इसी संदर्भ में विधानसभा में कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने भंडारा में कहा कि ओबीसी की लड़ाई में शामिल नहीं होने वालों को समाज सबक सिखाए। वडेट्टीवार ने कहा है कि जो भी ओबीसी की लड़ाई में शामिल नहीं होगा, हम उसे विरोधी मानेंगे। उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने मराठा उप समिति की तर्ज पर ओबीसी कैबिनेट की भी एक उप समिति बनाई है।
सरकार का दावा है कि यह उप समिति ओबीसी समुदाय के अधिकारों के लिए काम करेगी। लेकिन यह सिर्फ एक छलावा है। सरकार ओबीसी नेताओं का इस्तेमाल करना चाहती है।
यह भी पढ़ें:- राेहित-अंजलि में जुबानी जंग! पवार बोले- अन्ना की राह पर…, दमानिया बोलीं- जैसा चाचा वैसा भतीजा
वडेट्टीवार ने कहा कि सरकार ने हैदराबाद गजट रूलिंग पारित करके पूरे समुदाय को ओबीसी श्रेणी में लाने का रास्ता साफ कर दिया है। इससे ओबीसी का अस्तित्व खतरे में है। सरकार ने ओबीसी के गुस्से को कम करने के लिए उपसमिति का गठन किया था।
कांंग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि सरकार की ओबीसी उप समिति निष्प्रभावी है। यह समिति समाज के किसी काम की नहीं है। समिति पर ओबीसी समुदाय के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि महायुति सरकार की ओबीसी उप समिति की कार्य पद्धति और नीति समाज के लिए उपयोगी नहीं है। इससे किसी का भला नहीं होगा।
विजय वडेट्टीवार ने सीएम देवेंद्र फडणवीस पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं, मराठा समुदाय को 13 हज़ार करोड़ रुपए दिए गए, तो ओबीसी समिति को कितना धन दिया गया है?