
पालांदुर तालाब (सौजन्य-नवभारत)
Pond Beautification: भंडारा जिले के अधिकांश तालाब अव्यवस्था और अतिक्रमण की समस्या से जूझ रहे हैं। लाखनी तहसील के पालांदुर ग्राम का मुख्य तालाब भी इन्हीं समस्याओं का वर्षों से सामना कर रहा है। वर्षों से सौंदर्यीकरण और संरक्षण कार्य लंबित होने के कारण यह ग्राम की शान होते हुए भी उपेक्षित हुआ है। इसका खामियाजा ग्राम के किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
पालांदुर का विशाल तालाब इस वर्ष पानी से लबालब भरा है। ग्रामवासियों का कहना है कि इसका बेहतर उपयोग समय की आवश्यकता बन गई है। यह तालाब मछुआरों के लिए रोजगार का साधन बन सकता है, वहीं किसानों के लिए भी सिंचाई सुविधा उपलब्ध करा सकता है। लेकिन इसके लिए तालाब का गहराई करण, पुराने तटबंधों की मरम्मत और पानी निकासी की उचित व्यवस्था करना आवश्यक हो गया है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि मालगुजारी काल से लेकर आज तक इस तालाब को वह न्याय नहीं मिल पाया जिसका वह हकदार है। सिंचाई विभाग की ओर से तालाबों की मरम्मत और सिंचन क्षमता बढ़ाने के लिए योजनाएं बनाई जाती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कार्रवाई धीमी गति से होती है।
करीब पांच वर्ष पहले तहसील स्तर पर गाद निकालने का उपक्रम शुरू किया गया था। सहकार पद्धति के माध्यम से नागरिकों की मदद से यह योजना लागू की गई थी, जिसके तहत तालाब की गाद निकालकर किसानों के खेतों तक पहुंचाई गई थी। लेकिन यह पहल अब ठंडे बस्ते में चली गई है।पालांदुर तालाब के चारों ओर विशाल तटबंध बने हुए है, जिस पर सागौन सहित कई बड़े वृक्ष मौजूद हैं।
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जलस्रोत संरक्षण के लिए इन प्राकृतिक संसाधनों का भी संरक्षण आवश्यक बताया जा रहा है। तालाब की बेहतरी को लेकर ग्राम के नागरिकों ने कहा कि तालाब का वृहद् सौंदर्यीकरण, गहराईकरण और संरक्षण का कार्य तत्काल शुरू होना चाहिए। इसकी सिंचन क्षमता बढ़े, ग्रामीणों को उपयोग के लिए पानी मिले और मछुआरों को रोजगार उपलब्ध हो, यह हमारी मुख्य मांग है।
यह विषय पहले भी कई जनप्रतिनिधियों के समक्ष रखे जा चुके है। लेकिन बात नहीं बनी। ग्रामवासी उम्मीद कर रहे हैं कि शासन और प्रशासन सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाए, जिससे तालाब पुनः अपनी पहचान लौटाकर ग्राम की शान के रूप में स्थापित हो सके।






