भंडारा सफाई करते अधिकारी व ग्रामीण (फोटो नवभारत)
Bhandara Seva Pakhwada News: भंडारा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मिलिंदकुमार सालवे के मार्गदर्शन और उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी माणिक चव्हाण के नेतृत्व में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक जिलेभर में सेवा पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसी क्रम में भंडारा जिले में स्वच्छता का ज्वलंत संदेश देने के लिए गुरुवार 25 सितंबर को स्वच्छोत्सव – स्वच्छता ही सेवा के तहत महाश्रमदान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस महाश्रमदान कार्यक्रम में हजारों नागरिकों ने मिलकर अपने गांव और शहर के सार्वजनिक स्थलों को साफ किया और एक दिन, एक घंटा, एक साथ के नारों के साथ स्वच्छता का संकल्प लिया।
चलाया जा रहा है। इस दौरान विभिन्न स्वच्छता उपक्रमों और जनजागृति कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता की भावना को गहराई से विकसित किया जा रहा है।
महाश्रमदान में ग्रापं अधिकारी, सरपंच, उपसरपंच, शिक्षक, छात्र-छात्राएं, आंगनवाड़ी सेविकाएं, आशा कार्यकर्ता, महिलाओं के बचत समूह और विभिन्न समिति पदाधिकारी सक्रिय रूप से शामिल हुए। शालाएं, पंचायत कार्यालय, आंगनवाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, मंदिर, बाजार और नालियों सहित सभी सार्वजनिक स्थल चमक उठे। लाखांदुर में पंचायत समिति मैदान से महाश्रमदान की धूमधाम वाली शुरुआत हुई।
गट विकास अधिकारी बडोले, सहायक प्रशासन अधिकारी, विस्तार अधिकारी और समन्वयक सहित कई अधिकारी स्वयं झाड़ू-पौछा लेकर स्वच्छता कार्य में जुटे। इस अवसर पर एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधारोपण भी किया गया।
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पवनी, साकोली, तुमसर और लाखनी तहसील में भी ग्रामस्तर पर महाश्रमदान ने नई ऊर्जा भर दी। पंचायत समितियों के अध्यक्ष, सदस्य और कर्मचारी ग्रामीणों के साथ हाथ में झाड़ू-पौछा लेकर सड़कों, नालियों और सार्वजनिक स्थलों को साफ करने में जुटे। विद्यार्थियों को भी स्वच्छता के महत्व और जिम्मेदारी के बारे में जागरूक किया गया।
महाश्रमदान ने न केवल गांव और कस्बों को साफ-सुथरा बनाया, बल्कि स्थानीय नागरिकों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना भी बढ़ाई। ग्रामीणों ने मिलकर संकल्प लिया कि वे अपने गांव को हमेशा स्वच्छ और सुंदर बनाए रखेंगे।
अभियान 2 अक्टूबर तक जारी रहेगा, जिसमें जिलेभर के ग्रामीण और शहरी नागरिक सक्रिय रूप से भाग लेकर स्वच्छता की अलख जगा सकेंगे। यह महाश्रमदान केवल सफाई का कार्य नहीं, बल्कि सामूहिक संकल्प और जागरूकता का सशक्त उदाहरण बन गया है।