विधायक राजू कारेमोरे और चरण वाघमारे (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Political Dispute Bhandara: एक ओर जहां तुमसर-मोहाडी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक चरण वाघमारे और अन्य पांच आरोपियों को मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर बेंच द्वारा बड़ी राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर वर्तमान विधायक राजू कारेमोरे को पुलिस से अभद्र व्यवहार के मामले में दोषी ठहराया गया है। न्यायालय के इन दोनों अलग-अलग फैसलों से जिले की राजनीति में चर्चा तेज हो गई है।
मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने पूर्व विधायक चरण वाघमारे और उनके साथियों के खिलाफ दर्ज अपराध और मुकदमे को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है। यह मामला विधानसभा चुनाव के दौरान आदर्श आचार संहिता लागू रहने के समय मतदाताओं को खाद्य सामग्री बांटे जाने की सूचना पर पुलिस कार्रवाई से जुड़ा था।
पुलिस का आरोप था कि कार्रवाई के बाद चरण वाघमारे 70 से 80 कार्यकर्ताओं के साथ मोहाडी पुलिस थाने पहुंचे और हंगामा किया। इस मामले में 12 नवंबर को अपराध दर्ज किया गया था। हालांकि उच्च न्यायालय ने इसे कानूनन टिकाऊ नहीं मानते हुए सभी आरोपियों को निर्देश मुक्त कर दिया।
इस फैसले से चरण वाघमारे, उनके निजी सहायक विजय भुरे, पंचायत समिति अध्यक्ष नंदू उर्फ चंद्रशेखर रहांगडाले, अमित रंगारी, डॉ। शांताराम चाफले और प्रशांत लांजेवार को राहत मिली है।
दूसरी ओर, तुमसर-मोहाडी विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायक राजू कारेमोरे को भंडारा जिला सत्र न्यायालय ने पुलिस को गाली-गलौज करने के मामले में दोषी ठहराया है। यह प्रकरण 31 दिसंबर 2021 का है। आरोप है कि चुनाव की स्ट्रॉंग रूम के पास पुलिस द्वारा वाहन रोके जाने के बाद विधायक कारेमोरे ने मोहाडी पुलिस थाने जाकर पुलिसकर्मियों के साथ अश्लील भाषा का प्रयोग किया।
यह भी पढ़ें – नागपुर मनपा चुनाव: भाजपा अपने दम पर, महायुति लगभग टूटी! बैठक केवल औपचारिकता
इस मामले में उनके सहित चार लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। सुनवाई के बाद अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश भारती काले ने विधायक कारेमोरे को भारतीय दंड संहिता की धारा 143, 294 और 504 के तहत दोषी ठहराया, जबकि धारा 353 से बरी किया।
हालांकि न्यायालय ने यह भी माना कि वे एक जनप्रतिनिधि हैं और समाज में उनकी छवि अच्छी है। इसी आधार पर उन्हें सीधे सजा न देते हुए दो वर्षों तक अनुशासित आचरण रखने की शर्त पर छोड़ दिया गया। इन दोनों फैसलों से भंडारा जिले में राजनीतिक और कानूनी चर्चाएं तेज हो गई हैं।