शिवसेना में शामिल हुए भाजपा नेता (फोटो नवभारत)
Bhandara Politics: नगर परिषद चुनावों से पहले भंडारा शहर की राजनीति में बड़ी हलचल देखने को मिली है। भाजपा के दो पूर्व पार्षद सहित कई नेता शिवसेना में शामिल हो गए, जिससे शहर के राजनीतिक समीकरण बदलने की संभावना बढ़ गई है।
इसमें शामिल पूर्व सभापति मनोज बोरकर और कैलाश तांडेकर के अलावा भाजपा के कई अन्य पदाधिकारी भी शिवसेना में शामिल हुए। इनमें देवदास भारद्वाज, मोरेश्वर मते, नीलकंठ मंदूरकर, विजय उके, अमोल कुलसुंगे, मनोज बर्वे और चेतन साठवणे का नाम शामिल है।
जानकारी के अनुसार, नगर परिषद चुनावों के आरक्षण घोषित होने के बाद से शहर में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। इसी कड़ी में भाजपा के नेताओं ने शनिवार को जिला अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपा। उन्होंने हाल ही में भाजपा में शामिल दो नए नेताओं के प्रवेश पर असंतोष जताया और पार्टी की सदस्यता और पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया।
सुनियोजित तरीके से इस्तीफा देने के बाद रविवार शाम सभी नेताओं ने शिवसेना के विधायक नरेंद्र भोंडेकर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने भंडारा शहर में चल रहे विकास कार्यों पर भरोसा जताते हुए शिवसेना में शामिल होने का निर्णय लिया।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा के इन नेताओं का शिवसेना में प्रवेश केवल एक संकेत है। आने वाले दिनों में अन्य नेता भी पार्टी छोड़कर शिवसेना का दामन थाम सकते हैं। नगर परिषद चुनावों के दृष्टिगत यह कदम स्थानीय राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है।
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भंडारा शहर में इस घटना के बाद चर्चा है कि शिवसेना का कद बढ़ेगा और चुनावी मुकाबला और अधिक रोचक होगा। भाजपा के लिए यह एक चेतावनी भी है कि उसे संगठन स्तर पर मजबूत होना होगा और अपने नेताओं की भावनाओं का ध्यान रखना होगा।
भंडारा नगर परिषद के आगामी चुनावों में यह बदलाव उम्मीदवारों के चयन और पार्टी रणनीति दोनों पर प्रभाव डालेगा। शिवसेना के लिए यह अवसर है कि वह अपनी पकड़ मजबूत करे और चुनावी जीत के लिए पूरी तैयारी करे।