प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष बच्चू कडू (pic credit; social media)
Maharashtra Politics: लोकसभा चुनाव में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के वोट चोरी के दावे के बाद राकां के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने कहा था कि लोकसभा चुनाव से पहले दो लोग उनके पास आए थे और उन्होंने 160 सीटें जिताने का दावा किया था। मैंने उन दो लोगों को राहुल गांधी से मिलवाया था। पवार के दावे को बल देते हुए शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) के प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा था कि वो दो लोग उद्धव ठाकरे से भी मिले थे।
पवार और राऊत के दावे के बाद अब प्रहार जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष बच्चू कडू ने भी वोट चोरी मामले में सनसनीखेज दावा किया है। कडू ने कहा कि उन्हें उन 10 हजार वोटरों के नाम वोटर लिस्ट से कम करने का प्रलोभन दिया गया था, जिनके वोट संभवत: विरोधी उम्मीदवारों को मिलने की आशंका थी।
एक साक्षात्कार में कडू ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले मुझसे उन 10 हजार वोटरों की सूची मांगी गई थी, जो मुझे वोट नहीं देते हैं। मुझसे कहा गया था कि मुझे वोट नहीं देने वालों के नाम सूची से काट दिए जाएंगे तथा उनकी जगह 10 हजार ऐसे लोगों के नाम सूची में डाल दिए जाएंगे, जो मेरे समर्थक वोटर होंगे। कडू ने कहा कि मुझे लगा कि ऐसा कुछ करने के जरूरत नहीं है। क्योंकि मुझे अपनी जीत के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त था। इसलिए मैंने उन लोगों के ऑफर को ठुकरा दिया था।
साक्षात्कार के दौरान ऑफर देने वाले कौन थे? वे सरकारी अधिकारी थे या किसी एजेंसी के लोग, ऐसे सवालों का जवाब देते हुए बच्चू कडू ने कहा कि सरकारी लोग ही ऐसा कर सकते हैं। बाकी किसी की क्या औकात है? कडू ने आगे कहा कि मैं इसका सबूत जुटा रहा हूं। सबूत आने दें मैं पूरा खुलासा करूंगा।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास आघाड़ी सरकार में राज्य मंत्री रहे कडू ने शिवसेना में हुई ऐतिहासिक बगावत के समय एकनाथ शिंदे का साथ दिया था। गुवाहाटी जाने वालों में कडू भी शामिल थे। लेकिन आज कडू अकेले पड़ गए हैं। इस बारे में पूछे जाने पर कडू ने हंसते हुए कहा कि आप ये सवाल उद्धव ठाकरे, अजीत पवार से नहीं पूछ सकते हैं। आप लोगों को सिर्फ मैं ही कमजोर मिला हूं। इसके बाद उन्होंने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा कि कहा कि गुवाहाटी जाने वालों में बाकी सब जीत गए सिर्फ मैं ही चुनाव हार गया।