छत्रपति संभाजीनगर मनपा (सौ. सोशल मीडिया )
Chhatrapati Sambhajinagar News In Hindi: सातारा-देवलाई ग्राम पंचायत एरिया को महानगरपालिका में शामिल होने के बाद, वहां से 42 कर्मचारियों को मनपा ने कर्मचारी के तौर पर समाहित कर लिया था।
इन कर्मचारियों की स्थाई सर्विस की मांग को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई आखिरकार खत्म हो गई है। इंडस्ट्रियल कोर्ट ने प्रॉसिक्यूशन की कमी के कारण इस याचिका को खारिज कर दिया है। इससे मनपा के फैसले को कानूनी ताकत मिल गई है।
साल 2016 में इन कर्मचारियों को मानदेय बेसिस पर मनपा में नियुक्त किया गया था। फिर साल 2017 में इन्हें मनपा के आश्वासन में ले लिया गया। हालांकि, इस फैसले पर विवाद होने के कारण एक इंक्वायरी कमिटी बनाई गई थी। इंक्वायरी रिपोर्ट आने के बाद, इन कर्मचारियों को साल 2019 में मानदेय तर्ज पर वापस ले लिया गया था।
66 सरकारी आदेश के अनुसार सातारा-देवलाई ग्राम पंचायत के कर्मचारियों को मनपा की सेवा में स्थाई कर दिया गया है। इसलिए, उनकी मांग पूरी हो गई है। याचिका खारिज होने से उनकी सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
उपायुक्त अपर्णा थोटे।
यह निर्णय तत्कालिन आयुक्त विनायक निपुण ने लिया था, कर्मचारियों ने ने 2019 में इस निर्णय के खिलाफ इंडस्ट्रियल कोर्ट में शिकायत (शिकायत नंबर 39/2019, तहरखा पठान और अन्य बनाम औरंगाबाद महानगरपालिका) की थी। इस मामले में, साल 2023 तक सबूत जमा न करने की वजह से, जज एस। एस। माऊदेकर ने आखिरकार 18 जनवरी, 2025 को शिकायत खारिज कर दी।
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कोर्ट ने साफ किया कि शिकायत करने वालों ने न ती सबूत जमा किए और न ही समय बढ़ाने की मांग की। इसलिए, शिकायत करने वालों की इस मामले में की दिलबरमी खत्म हो गई है। नतीजतन, मुकदमा न चलने की वजह से कार्रवाई खत्म कर दी गई है। खर्च का कोई ऑर्डर नहीं दिया गया है। इस बीच, जब मामला कोर्ट में था, तब भी मनपा ने प्रस्ताव नंबर 240 पास करके सरकार को भेज दिया था, उस प्रस्ताव के अनुसार, इन 42 कर्मचारियों को साल 2022 में महानगरपालिका में फिर से काम पर रख लिया गया।