छत्रपति संभाजीनगर लोक अदालत (pic credit; social media)
Chhatrapati Sambhajinagar Lok Adalat: छत्रपति संभाजीनगर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में लंबित और पूर्व दायर मामलों का व्यापक निपटारा किया गया। कुल 3,241 लंबित मामलों के अलावा 1,055 पूर्व दायर मामलों सहित कुल 5,096 मामलों की सुनवाई की गई। इन मामलों से कुल 3 अरब 43 करोड़ 46 लाख 91 हजार 689 रुपए की राशि वसूली गई।
लंबित मामलों में 3 अरब 41 करोड़ 38 लाख 59 हजार 753 रुपए वसूले गए जबकि पूर्व दायर मामलों में 2 करोड़ 8 लाख 31 हजार 936 रुपए की वसूली हुई। इस सफलता के पीछे राष्ट्रीय लोक अदालत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष और प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश गिरीश अग्रवाल का मार्गदर्शन था।
लोक अदालत में सुनवाई के लिए कुल 34 पैनल बनाए गए। इन पैनलों में जिला और सिविल न्यायाधीशों के साथ वकील सदस्य और जिला वकील संघ के प्रतिनिधि शामिल रहे। सभी न्यायिक अधिकारियों और नियुक्त कर्मचारियों ने मेहनत कर मामलों का निपटारा सुनिश्चित किया।
इस लोक अदालत में मोटर दुर्घटना, बिजली चोरी, चेक अनादर, पारिवारिक विवाद, भूमि अधिग्रहण, समझौता सिविल और आपराधिक मामलों का निपटारा किया गया। इसके अलावा, मध्यस्थता केंद्र में विभिन्न बैंकों जैसे यूबीआई, एसबीआई, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, महाराष्ट्र बैंक, महाराष्ट्र ग्रामीण बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक और यूको बैंक से जुड़े पूर्व-विवादास्पद मामलों की सुनवाई भी हुई।
मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश गिरीश अग्रवाल, जिला न्यायाधीश आर. डी. पाटील और जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण की सचिव वैशाली फडणीस ने अदालत की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ कड़ी मेहनत की।
वकीलों और न्यायिक अधिकारियों के सहयोग से इस राष्ट्रीय लोक अदालत में लंबित मामलों का निपटारा समय पर और प्रभावी ढंग से किया गया। इससे नागरिकों को राहत मिली और न्याय व्यवस्था में पारदर्शिता और विश्वास भी बढ़ा।
इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि न्यायिक प्रक्रिया में समर्पण और टीमवर्क से लंबित मामलों का तेजी से निपटारा संभव है और यह नागरिकों के हित में अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है।