नासिक कुंभ (फाइल फोटो)
नासिक: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने 10 मार्च को 2025-26 के लिए राज्य का बजट पेश किया। यह उनका 11वां बजट प्रस्तुतीकरण है, जिससे वे राज्य के इतिहास में दूसरे सबसे ज़्यादा बार बजट पेश करने वाले व्यक्ति बन गए हैं। बजट में जन कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो पवार की समावेशिता की विरासत को जारी रखता है। यह नव-स्थापित महायुति सरकार का पहला बजट है, जिसने लोगों की ज़रूरतों को प्राथमिकता देने का वादा किया है।
2027 में नासिक में सिंहस्थ कुंभ मेले के अवसर पर ‘नमामि गोदावरी’ पहल की योजना तैयार की जा रही है। कुंभ मेले के आयोजन के लिए एक विशेष प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी तथा इसके लिए आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। नासिक में रामकला पथ विकास परियोजना के तहत रामकुंड, कालाराम मंदिर तथा गोदातट क्षेत्र में 146.10 करोड़ रुपये के पर्यटन विकास कार्य किए जा रहे हैं।
शिरडी हवाई अड्डे के लिए 1367 करोड़ रुपये के विकास कार्यों को मंजूरी दी गई है इसके लिए काम शुरू कर दिया गया है। शिर्डी हवाई अड्डे को 2021 में प्रमुख हवाई अड्डे का दर्जा दिया गया है। रात्रि विश्राम की सुविधा भी जल्द ही शुरू की जाएगी।
हिंदू हृदय सम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग, जिसे मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे के नाम से भी जाना जाता है, लगभग पूरा होने वाला है, जिसका 99 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और इस पर कुल 64 हजार 755 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। इगतपुरी से अमाने तक का 76 किलोमीटर का हिस्सा जल्द ही यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।
मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र में एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना है, जिसका उद्देश्य कनेक्टिविटी को बढ़ाना, आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और क्षेत्र के लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।
नार-पार-गिरणा नदी जोड़ परियोजना से नाशिक और जलगांव जिलों की 49,516 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई का लाभ मिलेगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 7500 करोड़ रुपए है। दमन गंगा-गोदावरी नदी जोड़ परियोजना से 3.55 टीएमसी पानी उपलब्ध होगा, जिससे जयकवाड़ी बांध कमांड क्षेत्र में 9,766 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई का लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त, इस परियोजना के कारण नासिक जिले की 2,987 हेक्टेयर भूमि को भी सिंचाई का लाभ मिलेगा। इस परियोजना की अनुमानित लागत 2300 करोड़ रुपए है।
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राज्य सरकार ने महत्वाकांक्षी तापी महापुनर्भरण परियोजना शुरू की है, जो 19,300 करोड़ रुपये की सिंचाई परियोजना है जिसका उद्देश्य उत्तरी महाराष्ट्र और पश्चिमी विदर्भ के खारे क्षेत्र में किसानों के जीवन को बदलना है। इस परियोजना से इन किसानों की आय में महत्वपूर्ण बदलाव आने की उम्मीद है, जिससे उनकी समग्र आजीविका में सुधार होगा।