
अमरावती की सियासत में घमासान। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
अमरावती: महाराष्ट्र में सत्ताधारी महायुति (भारतीय जनता पार्टी, शिंदे गुट और अजित पवार गुट) के घटक दलों के बीच टकराव अब खुलकर सामने आ गया है। अमरावती ज़िले में राष्ट्रवादी कांग्रेस (अजित पवार गुट) और युवा स्वाभिमान पार्टी के नेताओं के बीच गहरे मतभेद उभर आए हैं। इन दिनों राष्ट्रवादी कांग्रेस के विधायक संजय खोडके और युवा स्वाभिमान पार्टी के विधायक रवि राणा एक-दूसरे पर खुले तौर पर तीखे हमले कर रहे हैं।
रवि राणा ने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के दौरान संजय खोडके ने महायुति के विरुद्ध कार्य किया। उन्होंने नवनीत राणा के प्रचार में हिस्सा नहीं लिया और तो और, प्रचार पोस्टरों पर अपनी तस्वीर तक लगाने से मना कर दिया।
रवि राणा ने कहा, “उन्होंने खुलकर नवनीत राणा का विरोध किया, जबकि विधानसभा चुनाव के समय जब उनकी पत्नी सुलभा खोडके प्रत्याशी थीं, तब अजित पवार ने मुझे पचास बार फोन कर सहायता मांगी थी। प्रफुल्ल पटेल ने भी मुझे फ़ोन किया था।” उन्होंने कहा, “यदि मैंने वरिष्ठ नेताओं की बात न मानी होती, और केवल एक जनसभा कर दी होती, तो सुलभा खोडके 2 हज़ार नहीं, 10 हज़ार मतों से हार जातीं। लेकिन मैंने संयम रखा, आज उसी समर्थन के बल पर संजय खोडके राजनीतिक रूप से सक्रिय हैं।”
रवि राणा ने आगे कहा, “3 बार जनता से पराजित होने के बाद भी संजय खोडके में कोई बदलाव नहीं आया है। वे आज भी दंभ और दादागिरी के साथ व्यवहार करते हैं। एक बड़ा नेता विनम्र, लचीला और सबको साथ लेकर चलने वाला होना चाहिए। लेकिन जो नेता केवल अहंकार में जीते हैं, उन्हें जनता सबक सिखाती है।”
संजय खोडके का पलटवार: “राणा ने ही अजित पवार से प्रचार की गुहार लगाई थी”
संजय खोडके ने अपने जवाब में रवि राणा के आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। उन्होंने कहा, “राणा हमेशा धमकी भरे लहजे में बात करते हैं। वे कहते हैं कि उन्होंने मुझे 3 बार हराया, लेकिन चुनाव में जनता फैसला करती है। हार को हमने स्वीकार किया है, परंतु मुझे उसका कोई पछतावा नहीं।” उन्होंने आगे कहा, “लोकसभा चुनाव के समय राणा ने स्वयं अजित पवार से संपर्क किया था और उनके लिए सभा आयोजित की थी।
जब अजित पवार हवाई अड्डे से कार्यक्रम स्थल की ओर जा रहे थे, तब राणा उनसे बार-बार अनुरोध कर रहे थे कि मुझे मंच पर बुलाया जाए। इस पर अजित पवार ने स्पष्ट रूप से कहा कि ‘खोडके पहले ही बता चुके हैं कि वे मंच पर नहीं आएंगे। मैं आपके कहने पर सभा में आया हूँ, लेकिन यह अंतिम बार है।’
खोडके ने यह भी चेतावनी दी कि अगर आगामी चुनावों में युवा स्वाभिमान पार्टी महायुति का हिस्सा बनी, तो राष्ट्रवादी कांग्रेस इस गठबंधन में नहीं रहेगी। उन्होंने कहा, “हमने पहले भी कहा था और अब भी दोहरा रहे हैं। यदि रवि राणा की पार्टी महायुती के साथ रही, तो हम भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे।” खोडके ने कटाक्ष करते हुए कहा, “आज भारतीय जनता पार्टी को रवि राणा चला रहे हैं। यह उनके बयानों से साफ झलकता है।”
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह विवाद केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि गठबंधन की एकता को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। लोकसभा चुनाव के बाद अब विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं। ऐसे में अगर सहयोगी दलों में विश्वास और तालमेल की कमी बनी रही, तो इसका प्रत्यक्ष असर सत्तारूढ़ गठबंधन की स्थिति और लोकप्रियता पर पड़ेगा।






