वैद्यकीय प्रतिपूर्ति अब निश्चित समयसीमा पर (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Amravati News: अमरावती जिला परिषद अमरावती के अधिकारियों और कर्मचारियों को मिलने वाली वैद्यकीय (चिकित्सा) प्रतिपूर्ति अब निश्चित समयसीमा के भीतर ही दी जाएगी। मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीता मोहापात्रा ने हाल ही में एक नया आदेश जारी कर यह स्पष्ट किया है कि चिकित्सा प्रतिपूर्ति केवल एक शासकीय प्रक्रिया नहीं, बल्कि कर्मचारियों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य से जुड़ी एक संवेदनशील जिम्मेदारी है।
आदेश के मुख्य बिंदु के अनुसार कार्यालय स्तर पर प्रारंभिक जांच में कर्मचारी द्वारा देयक जमा करते ही संबंधित विभाग को यह देखना होगा कि सभी आवश्यक दस्तावेज (सूची क्र। 1 से 56 तक) पूर्ण हैं या नहीं। यदि दस्तावेज पूरे हैं, तो 10 दिनों के भीतर खाते प्रमुख को भेजना अनिवार्य होगा। अधूरे दस्तावेज होने पर देयक तुरंत कर्मचारी को लौटाना होगा। खाते प्रमुख की जिम्मेदारी है कि वे प्राप्त देयकों की जांच कर, 10 दिनों के भीतर उन्हें स्वास्थ्य विभाग को भेजेंगे।
स्वास्थ्य और वित्त विभाग यह दोनों विभाग 10 दिनों में देयकों की जांच पूरी कर, उन्हें खाते प्रमुख को वापस भेजेंगे। वित्त विभाग की अंतिम मंजूरी के बाद स्वीकृति के बाद संबंधित कार्यालय को 10 दिनों के भीतर कर्मचारी को प्रतिपूर्ति राशि देना अनिवार्य होगा। मंजूरी के बाद अब अनुदान या आयकर के अतिरिक्त किसी और कारण से देयक अटकाया नहीं जाएगा।
ऑनलाइन प्रक्रिया अनिवार्य रहने से सभी देयक अब केवल ऑनलाइन ही जमा करने होंगे। ऑफलाइन प्रक्रिया के कारण हो रही देरी को रोकने के लिए यह नियम सख्ती से लागू किया गया है। पंचायत समिति स्तर पर सख्ती अपूर्ण देयकों पर संबंधित कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस या सुनवाई दी जाएगी। सामान्य प्रशासन विभाग हर महीने देयकों की प्रगति की समीक्षा करेगा।
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इस निर्णय से चिकित्सा प्रतिपूर्ति मामलों में हो रही अनावश्यक देरी पर रोक लगेगी। कर्मचारियों और उनके परिवारों को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी और इससे कर्मचारियों का मनोबल भी बढ़ेगा। यह निर्णय कर्मचारी संगठनों की मांग पर लिया गया है। संगठन ने विश्वास जताया है कि अब कर्मचारियों को समय पर प्रतिपूर्ति मिलेगी और अनावश्यक परेशानियों से मुक्ति मिलेगी।