केवल 82 फीसदी औसत बारिश (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Amravati News: इस वर्ष 1 जून से 25 अगस्त के बीच जिले में कुल 535.6 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो औसत का केवल 82 प्रतिशत है। जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 645.9 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जो औसत का 98.9 प्रतिशत थी। इसके कारण इस वर्ष जिले में बारिश कम हुई है। जिले का औसत 82% है, जो पिछले वर्ष के 98.9% की तुलना में उल्लेखनीय कमी है। पहाड़ी इलाकों में धारणी-चिखलदरा में बारिश कम हुई है, जबकि तिवसा-मोर्शी-चांदूर रेलवे क्षेत्र में अधिक बारिश हुई है। अगले 15 दिन कपास और सोयाबीन जैसी खरीफ फसलों के लिए महत्वपूर्ण होंगे। खरीफ सीजन की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि बारिश का रुख कैसा रहता है।
धारणी और चिखलदरा के दो पहाड़ी तहसील में बारिश में काफी कमी आई है। धारणी में इस साल 512।5 मिमी (63।6%) बारिश हुई है, जबकि पिछले साल 707।2 मिमी (87।8%) बारिश हुई थी। चिखलदरा में यह 1103।7 मिमी से घटकर इस साल केवल 696.7 मिमी रह गई है, और प्रतिशत 105.3 से घटकर 66.4 प्रतिशत हुई। अमरावती तालुका इस साल थोड़ा स्थिर दिख रहा है। यहां इस साल 534।8 मिमी (88.5%) बारिश हुई है, जबकि पिछले साल 517.5 मिमी (85।6%) बारिश हुई थी।
हालांकि भातकुली और नांदगांव खंडेश्वर तहसील में कमी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। भातकुली में इस साल 84.7% बारिश हुई है, जबकि पिछले साल 86% बारिश हुई थी। नांदगांव खंडेश्वर में 80.8% बारिश दर्ज की गई है, जबकि पिछले साल 131।2% ज़्यादा बारिश हुई थी। चांदूर रेलवे, तिवसा, मोर्शी तालुकाओं में इस साल अच्छी बारिश हुई है। तिवसा में 666.5 मिमी बारिश दर्ज की गई है। पिछले साल 109.5% की तुलना में इस साल 135.7% बारिश हुई है। मोर्शी में इस साल 120% और चांदूर रेलवे में 115.6% बारिश हुई है।
वरुड, दर्यापुर, अंजनगांव सुर्जी, अचलपुर, चांदूर बाजार, धामणगांव रेलवे तालुकाओं में मिली-जुली स्थिति है। हालांकि इस साल वरुड, दर्यापुर और अचलपुर में बारिश में कमी आई है, लेकिन धामणगांव रेलवे और चांदूर बाजार में औसत या थोड़ी ज्यादा बारिश हुई है।
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पिछले वर्ष की तुलना में ज़िले की औसत वर्षा में 17% की कमी का सीधा असर खरीफ फसलों की वृद्धि पर पड़ने की संभावना है। कपास और सोयाबीन जैसी खरीफ फसलें अभी विकास के चरण में हैं और पूरे सीजन की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि अगले 15 दिनों में बारिश का रुख कैसा रहता है।