कॉन्सेप्ट फोटो (डिजाइन)
Maharashtra Local Body Election Expenditure Limit: महाराष्ट्र में 246 नगर पालिका परिषदों और 42 नगर पंचायतों के चुनावों के लिए नामांकन दाखिल और नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। चुनाव प्रचार शुरू होने से पहले नगराध्यक्ष और पार्षद पद के लिए खर्च सीमा क्या है, इसको लेकर जनता में उत्सुकता है।
इस बीच नगराध्यक्ष और सदस्य पद के उम्मीदवार सक्रिय हो चुके हैं। उनके चुनावी खर्च पर राज्य चुनाव आयोग की कड़ी नजर है, हालांकि कई खर्च अनौपचारिक और अलिखित रूप में होने की चर्चा भी है।
राज्य चुनाव आयोग ने बढ़ती महंगाई को देखते हुए नई खर्च सीमा तय की है। नगर परिषदों की तीन श्रेणियों के अनुसार यह सीमा निर्धारित की गई है। चुनाव आयोग के खर्च निरीक्षक इन सीमाओं पर बारीकी से नजर रखेंगे।
नगर परिषद वर्गानुसार नगराध्यक्ष पद के लिए खर्च सीमा इस प्रकार है, अ श्रेणी नगर पालिका के लिए 15 लाख रुपये, ब श्रेणी नगर पालिका के लिए 11.25 लाख रुपये तथा क श्रेणी नगर पालिका के लिए 7.5 लाख रुपये खर्च सीमा है।
यह भी पढ़ें:- BJP ने अजित पवार के नेता से बनाई दूरी, आशीष शेलार बोले- निकाय चुनाव कोई गठबंधन नहीं
इसी तरह पार्षद पद के लिए खर्च सीमा अ वर्ग नगर पालिका के लिए 5 लाख रुपये, ब वर्ग नगर पालिका के लिए 3.5 लाख रुपये तथा क वर्ग नगर पालिका के लिए 2.5 लाख रुपये तय की गयी है। चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, बढ़ती महंगाई से निपटने और चुनाव में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए खर्च सीमा में वृद्धि की गई है।
पहले चुनाव प्रचार का मतलब था गलियों में दीवारों पर पोस्टर, घर-घर जाकर बिल्ले और हैंडबिल बांटना, साथ ही भोंगों की आवाज। लेकिन समय के साथ प्रचार का तरीका बदल गया है। अब सोशल मीडिया के जमाने में चुनावी प्रचार अधिक हाईटेक हो गया है।
उम्मीदवार व्हॉट्सएप, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। अपने कार्य और कौशल को उजागर करने वाले वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। इससे साफ है कि इस बार का चुनाव प्रचार पारंपरिक तरीकों से हटकर डिजिटल माध्यमों पर अधिक केंद्रित रहेगा।