कागजात दिखाने के लिए रोकने पर मंडल अधिकारी पर कटर से जानलेवा हमला (सौजन्यः सोशल मीडिया)
अकोला: अकोट शहर में गुरुवार को सरकारी कार्य में बाधा और जानलेवा हमले की एक सनसनीखेज घटना सामने आई। 2 व्यक्तियों ने कागजात दिखाने के लिए रुकने को कहे जाने पर गुस्से में आकर मंडल अधिकारी गणेश भारती पर कटर से हमला कर दिया। आरोपियों ने कार्यालय की तोड़फोड़ भी की। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
गजानन नगर इलाके के तलाठी कार्यालय में मंडल अधिकारी गणेश भारती काम कर रहे थे, जब दो व्यक्ति—सुनील अम्बादास कतोरे और माधव नामदेव ताडे (दोनों निवासी बड़ा बारगन) अपने मामले से संबंधित कागजात की प्रतियां मांगने कार्यालय पहुंचे।
मंडल अधिकारी ने शांति से बताया कि वे वर्तमान में व्यस्त हैं और बाद में कागजात उपलब्ध कराए जाएंगे। इस बात से दोनों आरोपी गुस्साए और उन्होंने अपशब्द कहने शुरू कर दिए। गुस्से में दोनों आरोपियों ने टेबल पर रखे लैपटॉप और कागजात फेंक दिए, जिससे सरकारी कामकाज बाधित हुआ। इसके बाद उन्होंने अधिकारी का हाथ पकड़कर कटर से गले पर हमला कर दिया। हमला इतना गंभीर था कि अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए।
हमले के तुरंत बाद आरोपी घटनास्थल से फरार हो गए। घटना की सूचना मिलते ही अकोट पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामला दर्ज किया और आरोपियों की खोजबीन शुरू की। कुछ ही घंटों में पुलिस ने दोनों आरोपियों को पकड़कर जेल भेज दिया। मंडल अधिकारी गणेश भारती का अस्पताल में उपचार जारी है। उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। इस घटना ने सरकारी कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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विदर्भ पटवारी संघ ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और सरकार से मांग की है कि अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। संघ ने कहा कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि सरकारी कामकाज प्रभावित न हो और अधिकारी निडर होकर अपनी जिम्मेदारी निभा सकें। प्रशासन ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि सुरक्षा व्यवस्था और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
यह घटना अकोला जिले में सरकारी कामकाज में बाधा और अधिकारियों पर हमलों की चिंता बढ़ाने वाली घटना है, जो प्रशासन के लिए चेतावनी है। ऐसे मामलों की रोकथाम और सरकारी कर्मियों की सुरक्षा के लिए प्रभावी नीतियां बनाना आवश्यक है, ताकि वे निर्भीक होकर अपनी जिम्मेदारी निभा सकें और प्रशासन सुचारु रूप से चले।