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अकोला. जिले में अभी तक सीसीआई के कपास खरीदी केंद्र शुरू नहीं हुए हैं. जिसके कारण कपास उत्पादकों के पास निजी व्यापारियों को कपास देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. सीसीआई को बिना इंतजार किए जल्द से जल्द कपास की खरीदी शुरू कर देनी चाहिए, ऐसी मांग किसानों द्वारा की जा रही है. वर्तमान में कपास की खरीदी अकोट और बार्शीटाकली तहसील में की जा रही है. गुरुवार और शुक्रवार को अकोट कृषि उपज मंडी समिति में कपास को 9,100 रू. प्रति क्विंटल की दर मिली है.
दीपावली त्यौहार को देखते हुए किसान अपना कपास बेचने के लिए निकाल रहे हैं, फिलहाल अकोट में मध्यम स्वरूप में कपास की आवक होने की जानकारी मिली है. ऐसे में अकोट में कपास को 8 हजार रुपये से अधिक दाम मिल रहे हैं. इस बीच दो दिनों में कपास की कीमतें बढ़ी रहने की जानकारी किसानों को मिलने से क्षेत्र के किसान कपास को मंडी समिति के पास लेकर आए थे. तब शुक्रवार को रिकॉर्ड कीमतों के साथ, कपास की आवक बहुत अधिक थी.
किसानों को दिवाली के लिए पैसा चाहिए. इसी तरह खरीफ सीजन में हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी किसान प्रयास कर रहा है. सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंचा है, इस पर किसान ध्यान दे रहे हैं. आने वाले दिनों में कपास की आवक अच्छी रहने की उम्मीद है क्योंकि दिवाली के दौरान बाजार बंद रहने की संभावना है.
भले ही निजी व्यापारी कपास खरीदना शुरू कर दें, सीसीआई को प्रतिस्पर्धा के लिए एक खरीदी केंद्र शुरू करना चाहिए. निजी बाजार में किसानों को 2,500 रुपये दाम अधिक मिल रहे हैं. अकोट में कपास की कीमत 9 हजार रुपये है, जबकि आसपास के जिलों में इसकी कीमत 9,500 रुपये है. इसका फायदा किसान उठा रहे हैं. सीसीआई दिवाली के बाद कपास की खरीदी शुरू करेगा और बाद में किसानों को ही दोषी ठहराएगा, ऐसा शेतकरी संगठन के विदर्भ अध्यक्ष धनंजय मिश्रा ने कहा है.