गर्भपात की गोलियां (सौ. सोशल मीडिया )
Akola News In Hindi: अकोट शहर में अवैध रूप से गर्भपात की गोलियों की बिक्री के गंभीर मामले में आरोपी पंकज टावरी (42) निवासी अकोट द्वारा दायर की गई अग्रिम जमानत याचिका को अकोट सत्र न्यायालय ने खारिज कर दिया है।
यह आदेश मंगलवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश बी।एम। पाटिल ने पारित किया। यह मामला अकोट शहर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। सरकारी पक्ष की ओर से एड अजीत देशमुख ने न्यायालय में याचिका का विरोध करते हुए विस्तृत युक्तिवाद प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि 3 जुलाई 2025 को औषध निरीक्षक मनिष गोतमारे ने एक बनावटी ग्राहक को 500 रु की दो नोटें देकर टावरी मेडिकोज में भेजा।
वहां ग्राहक ने गर्भपात की दवा मांगी, जिस पर एक कर्मचारी ने उसे एक मोबाइल नंबर देकर दवा की मांग करने को कहा। फोन करने पर एक व्यक्ति ग्राहक से मिला और चार गोलियां एक कागज में लपेटकर उसे सौंप दीं।
ग्राहक ने 1000 रु की राशि उस व्यक्ति को दी और इशारे से छिपे अधिकारियों को सूचना दी। इसके बाद औषध निरीक्षक, वैद्यकीय अधिकारी, सामाजिक कार्यकर्ता और पंचों की टीम ने टावरी मेडिकोज पर छापा मारा। पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम पंकज टावरी बताया और कहा कि वह दूकान के मालिक विपीन टावरी का भाई है तथा उनकी अनुपस्थिति में दूकान पर मौजूद था।
मौके से गोलियां और नकद राशि जब्त की गई। औषध निरीक्षक ने आरोपी को नोटिस देकर दवा की खरीद के स्रोत की जानकारी मांगी थी, जिसका उत्तर आरोपी ने दिया। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि दवाएं बिना बिल के खरीदी गई थीं और डॉक्टर की पर्ची के बिना बेची जा रही थीं, जो जनस्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत गंभीर है।
ये भी पढ़ें :- अमृत योजना: शहर के हर 30 मीटर पर चेंबर, लेकिन कब जुड़ेगें शौचालय?
13 अगस्त 2025 को इस मामले में अकोट शहर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। आरोपी तब से फरार है। गर्भपात की दवाओं की आपूर्ति किससे की गई और अन्य कौन-कौन इस अपराध में शामिल हैं, इसकी जांच जारी है। पुलिस निरीक्षक अमोल मालवे और उपनिरीक्षक अविनाश मोहिते इस मामले की जांच कर रहे हैं। नागपुर स्थित शासकीय विश्लेषक प्रयोगशाला से प्राप्त रिपोर्ट में पुष्टि हुई है कि जब्त की गई गोलियां गर्भपात के लिए उपयोगी हैं। इस आधार पर सरकारी वकील ने आरोपी को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की आवश्यकता जताई और अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने की मांग की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी की याचिका खारिज कर दी।