
आवारा कुत्ते (सोर्स: सोशल मीडिया)
Akola News In Hindi: अकोला नगर निगम प्रशासन ने आवारा श्वानों के निर्बीजकरण का कार्य करने वाली संस्था को आदेश जारी किए हुए एक माह बीत चुका है। बावजूद इसके संस्था ने अब तक काम शुरू नहीं किया है। इस कारण प्रशासन ने संस्था को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। यदि इस अवधि में कार्य प्रारंभ नहीं किया गया तो ठेका रद्द किया जा सकता है। शहर में आवारा श्वानों को पकड़कर बाहर छोड़ने की पद्धति पर रोक लग चुकी है।
परिणामस्वरूप इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। समस्या के समाधान हेतु नगर निगम ने श्वानों का निर्बीजकरण करने का निर्णय लिया था। पूर्व में होमगार्ड कार्यालय के पास तथा बंद पड़ी महापालिका शाला में यह कार्य शुरू किया गया था। लेकिन ठेका अवधि समाप्त होने के बाद नई संस्था को काम सौंपा गया। कुछ श्वानों का निर्बीजकरण करने के बाद उसने भी काम बंद कर दिया।
इसके बाद प्रशासन ने पुनः निविदा प्रक्रिया शुरू की। पहले दो बार निविदा में कोई प्रतिसाद नहीं मिला। तीसरी बार निविदा जारी करने पर एक संस्था की निविदा मंजूर की गई। ठेका मिलने के बाद भी आवश्यक औपचारिकताओं में विलंब हुआ और काम ठप रहा। एक माह पूर्व आदेश जारी किए जाने के बावजूद संस्था ने कार्य प्रारंभ नहीं किया।
नगर निगम क्षेत्र में वर्तमान में 20 हजार से अधिक आवारा श्वान हैं। पहली संस्था को निर्बीजकरण हेतु एक वर्ष का समय दिया गया था, लेकिन बाद की संस्थाओं को केवल छह माह का समय दिया जाता है। अवधि समाप्त होने पर पुनः निविदा प्रक्रिया करनी पड़ती है, जिससे दो से तीन माह का समय व्यर्थ जाता है और काम धीमी गति से चलता है।
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आवारा श्वानों की समस्या को लेकर न्यायालय भी लगातार पूछताछ कर रहा है। ऐसे में ठेका मिलने के बावजूद काम शुरू न करने पर आयुक्त के आदेशानुसार संस्था को अल्टिमेटम दिया गया है। यदि संस्था ने निर्धारित समय में काम शुरू नहीं किया तो उसका ठेका रद्द कर दिया जाएगा।






