
नागपुर स्थित विधान भवन (सोर्स: सोशल मीडिया)
Maharashtra Legislative Assembly Winter Session: अपने बकाया बिलों का भुगतान नहीं होने से नाराज ठेकेदारों ने नागपुर में आयोजित होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र से संबंधित कार्य बीते 3 दिनों से बंद कर दिया था। ठेकेदारों के कामबंद कर दिये जाने से पीडब्ल्यूडी सहित मंत्रालय तक हड़कंप मच गया।
दखल लेते हुए विभाग की मुख्य सचिव मनीषा म्हैसकर ने विभाग के मुख्य अभियंता संभाजी माने और अधीक्षक अभियंता से वस्तुस्थिति की जानकारी ली। उन्हें बताया गया कि ठेकेदारों ने लंबित बिलों का भुगतान नहीं होने से काम बंद कर दिया है।
म्हैसकर ने निधि की स्थिति की जानकारी ली और 24-25 नवंबर तक यानी 1-2 दिनों में अतिरिक्त निधि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। साथ ही ठेकेदारों से बातचीत कर कार्य शुरू करवाने के निर्देश दिये। अधिकारियों के अनुरोध पर ठेकेदारों ने रविवार से कार्य शुरू करने का निर्णय लिया।
ठेकेदारों के 150 करोड़ के बिल बकाया हैं लेकिन हड़ताल के बाद उन्हें केवल 20 करोड़ रुपये ही सरकार द्वारा दिये गए। यही कारण था कि दोबारा कामबंद हड़ताल का निर्णय लिया गया।
यह भी पढ़ें:- ‘आपके पास वोट है, मेरे फंड…’, मालेगांव में प्रचार के दौरान अजित पवार के बयान से मचा सियासी हड़कंप
विधान भवन, रवि भवन, देवगिरी, हैदराबाद हाउस, विधायक निवास सहित विविध विभागों में चल रहे निर्माण व मरम्मत के कार्य बंद कर दिये गए थे। अब बकाया बिलों के भुगतान का आश्वासन मिलने पर कार्य फिर से शुरू किए जाएंगे। ठेकेदारों ने आश्वस्त किया है कि शीतकालीन सत्र शुरू होने की तारीख के पूर्व तक सारे कार्य पूर्ण कर दिये जाएंगे।
दो दिन पूर्व जब ठेकेदारों ने कामबंद कर दिया था तो शुक्रवार को रवि भवन और कुछ बंगलों में मरम्मत का कार्य जारी था। इससे ठेकेदारों में ही फूट की चर्चा शुरू हो गई थी। जानकारी के अनुसार इस वर्ष 2 नये ठेकेदारों ने भी ठेका लिया हुआ है और उनका पहली बार कार्य चल रहा था। इसलिए उन्होंने हड़ताल का समर्थन नहीं किया और अपने हिस्से का काम जारी रखा था।
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र 8 दिसंबर से नागपुर में आयोजित होगा। इसकी अधिसूचना राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने जारी कर दी है। पहले दिन विधानसभा का कामकाज सुबह 11 बजे और विधान परिषद का कामकाज दोपहर 12 बजे से शुरू होगा।






