अकोला महानगरपालिका (सौ. सोशल मीडिया )
Akola News In Hindi: अकोला महानगरपालिका ने वित्तीय वर्ष 2025–26 के लिए संपत्ति कर और जल कर मिलाकर कुल 283 करोड़ की वसूली का लक्ष्य निर्धारित किया है। लेकिन वर्ष के साढ़े पांच महीने बीत जाने के बावजूद, मनपा केवल 20.72 करोड़ रु की ही वसूली कर पाई है।
ऐसे में आगामी साढ़े छह महीनों में शेष 262 करोड़ रु की राशि वसूल करना प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है। महानगरपालिका की आय के प्रमुख स्रोत संपत्ति कर और जल कर ही हैं। इन्हीं करों से शहर की आधारभूत सुविधाएं जैसे पानी आपूर्ति, कचरा प्रबंधन, सड़क मरम्मत, सार्वजनिक स्वास्थ्य आदि का खर्च पूरा किया जाता है। लेकिन नागरिकों की कर भुगतान में उदासीनता के कारण हर वर्ष करोड़ों रुपये की वसूली लंबित रह जाती है। प्रशासन समय-समय पर छूट योजनाएं लागू करता है, लेकिन उनका लाभ बहुत कम लोग उठाते हैं।
वर्तमान आंकड़ों के अनुसार 283 करोड़ रु के लक्ष्य में से 202.80 करोड़ रु पिछली बकाया राशि है, जबकि 80.20 करोड़ रु चालू वर्ष की देय कर राशि है। अब तक पिछली बकाया में से केवल 5.76 करोड़ रु। और चालू वर्ष की कर राशि में 14.95 करोड़ रु की वसूली हुई है। इस प्रकार कुल 20.72 करोड़ रु ही मनपा की तिजोरी में जमा हुए हैं।
यदि निर्धारित लक्ष्य के अनुसार राशि जमा नहीं होती, तो शहर के विकास कार्यों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। निधि की कमी के कारण पानी आपूर्ति, सड़क मरम्मत, सफाई व्यवस्था, कचरा संकलन और स्ट्रीट लाइट जैसी सेवाओं पर संकट आ सकता है। साथ ही कर्मचारियों के वेतन और पेंशन भुगतान का भी दबाव प्रशासन पर रहेगा। ऐसे में शहर की आर्थिक व्यवस्था पटरी से उतरने की आशंका जताई जा रही है।
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मनपा ने कर भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न छूट योजनाएं लागू की हैं। पिछले वर्ष और इस वर्ष ‘शास्ती माफी योजना’ भी शुरू की गई है। लेकिन इन योजनाओं का लाभ बहुत कम नागरिकों ने उठाया है। परिणामस्वरूप बकाया राशि का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। मनपा की ‘अभय योजना’ की ओर भी नागरिकों ने पीठ फेर ली है, जिससे वसूली की स्थिति और गंभीर होती जा रही है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे समय पर कर भुगतान करें ताकि शहर की सेवाएं सुचारू रूप से जारी रह सकें और विकास कार्यों को गति मिल सके।