संग्राम जगताप (सौजन्य-सोशल मीडिया)
अहिल्यानगर: राज्य में पहली कक्षा से तीसरी भाषा के रूप में हिंदी विकल्प देने के सरकार के निर्णय के बाद विवाद शुरू हो गया है। विरोधी दलों और सामाजिक संगठनों ने इसे महाराष्ट्र पर हिंदी भाषा थोपने का प्रयास बताया है। इसी बीच, उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी पार्टी के विधायक संग्राम जगताप ने हिंदी भाषा को लेकर चल रहे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए नया विवाद खड़ा कर दिया है।
उन्होंने बिना किसी का नाम लिए राज ठाकरे की पार्टी मनसे की आलोचना की और कहा कि राज्य में आपको उर्दू चलती है, तो हिंदी क्यों नहीं? उन्होंने हिंदी भाषा का विरोध करने वालों की भी निंदा की है। राज्य में फिलहाल स्कूलों में हिंदी भाषा को लेकर राजनीतिक तापमान बढ़ा है। मनसे ने हिंदी भाषा के जबरदस्ती लागू करने का आक्रामक विरोध किया है। मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने पहली कक्षा से हिंदी भाषा न पढ़ाने की मांग की है।
मनसे कार्यकर्ता स्कूलों के प्रधानाचार्यों को पत्र लिखकर हिंदी भाषा का विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा कई सामाजिक कार्यकर्ता और साहित्यकार भी सरकार के इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं। इस पृष्ठभूमि में विधायक संग्राम जगताप ने हिंदी भाषा का समर्थन किया है।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए जगताप ने कहा कि जिन लोगों ने हिंदी भाषा का विरोध किया, मैं उनका निंदा करता हूं। मुफ्त में दी जाने वाली शिक्षा को लेना चाहिए। कुछ विद्यार्थी फ्रेंच, जर्मन जैसी भाषाएं सीखने के लिए पैसे देते हैं। हिंदी तो उत्तर भारत में मुफ्त में सिखाई जाती है। इसलिए हिंदी का विरोध करने वालों की नीति गलत है।
संग्राम जगताप ने आगे कहा कि उर्दू पढ़ाने वालों को पैसा मिलता है, उन्हें मान्यता मिलती है, उन्हें सरकार से फंड भी मिलता है। इसके खिलाफ ये लोग विरोध नहीं करते बल्कि समर्थन करते हैं, लेकिन हिंदी का विरोध करते हैं। आज हमारे जिले के कई लोग दूसरे राज्यों में व्यवसाय करते हैं, वहां मराठी नहीं बोली जाती। हिंदी एकमात्र ऐसी भाषा है जो लोगों को जोड़ती है। इसलिए हिंदी का विरोध करना आने वाली पीढ़ी को नुकसान पहुंचाना है, विधायक जगताप ने यह बात रखी।
Dhule News: मनपा में कुंभकर्ण! प्रशासन को नींद से जगाने राकांपा का बजा ढोल
उन्होंने बताया कि आगामी विधानसभा सत्र में वे शिक्षा मंत्री से भी इस मुद्दे पर मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि दूसरों के जो भी विचार हों, मेरा अपना मत मैं जरूर रखूंगा। इस बीच विधायक संग्राम जगताप की इस भूमिका से हिंदी भाषा के विवाद को और तेज करने की संभावना है।